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‘देश में भूखमरी से सिर्फ 1 मौत, इस पर कैसे यकीन करें?’ SC

देश में भूखमरी और उससे होने वाली मौतों के आंकड़ों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई है. चीफ जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र सरकार से पूछा कि, आप कह रहे हैं कि देश में भूखमरी से सिर्फ एक मौत हुई है. क्या इस बयान पर भरोसा किया जा सकता है? सर्वोच्च न्यायालय ने भूखमरी से निपटने के लिए एक नेशनल मॉडल स्कीम बनाने को कहा है.

भूखमरी से जुड़े आंकड़ों पर SC की केंद्र को फटकार

नई दिल्ली

: देश में भूखमरी (Starvation) और उससे होने वाली मौतों को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court of India) ने केंद्र सरकार से सवाल-जवाब किए और भूखमरी से निपटने के लिए एक नेशनल मॉडल स्कीम बनाने को कहा है. चीफ जस्टिस एनवी रमना (CJI N V Ramana) की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र सरकार (Central Government) से पूछा कि, आप कह रहे हैं कि देश में भूखमरी से सिर्फ एक मौत हुई है. क्या इस बयान पर भरोसा किया जा सकता है? इससे पहले केंद्र ने 2015-16 में भूखमरी से होने वाली मौतों पर भरोसा जताया था.

सर्वोच्च न्यायालय ने अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल से कहा कि, राज्य सरकारों ने भूखमरी से किसी भी मौत का जिक्र नहीं किया है. क्या इससे यह माना जा सकता है कि देश में भूखमरी से कोई मौत नहीं हुई? भारत सरकार हमें भूखमरी से होने वाली मौतों पर ताजा जानकारी देना चाहिए.

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने कहा अटॉर्नी जनरल से कहा कि, हमारा ध्यान इस बात पर है कि लोग भूख से पीड़ित न हों और भूखमरी से न मरें. आप अपने अधिकारियों से चर्चा के बाद एक नोडल स्कीम के साथ वापस आएं. हमने आपको इस विषय पर कोर्ट की मंशा से अवगत कराया है और इसके समाधान की आवश्यकता है.

सुप्रीम कोर्ट की इस बेंच ने कहा कि, सरकारें 5 राज्यों में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले कई कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा कर रही हैं और सामुदायिक रसोई की नीति केंद्र को लोकप्रिय बनाएगी. कोर्ट ने कहा कि यह चुनावी समय है. अगर आप नीति बनाते हैं और अतिरिक्त खाद्यान देते हैं तो राज्य पके हुए भोजन की नीति को लागू करना चाहेंगे.

सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल ने कहा कि, केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के सुझावों पर गौर करेगी और 2 फीसदी अतिरिक्त खाद्यान उपलब्ध कराएगी. इस संबंध में राज्यों को हलफनामा दाखिल करने दीजिए, देखते हैं कि उन्हों 2 फीसदी अतिरिक्त खाद्यान मंजूर है या नहीं.

इस मामले की सुनवाई 2 सप्ताह के लिए स्थगित कर दी गई है. कोर्ट ने कहा कि जब तक राज्य कुपोषण, भूख और अन्य मुद्दों पर अतिरिक्त हलफनामा दाखिल कर सकते हैं.

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