धर्म

पितृपक्ष में क्यों होती है भगवान विष्णु की पूजा? ज्योतिषाचार्य से जानें

हिंदू धर्म में पितृपक्ष का बड़ा महत्व होता है. इस बार पितृपक्ष 10 सितंबर से शुरू होकर 25 सितंबर को समाप्त होगा. आइए जानें अयोध्‍या के ज्योतिषाचार्य पंडित कल्कि राम से पितृपक्ष, भगवान विष्णु की पूजा और पिंडदान के महत्‍व.

अयोध्या.

हिंदू धर्म में पितृपक्ष का बड़ा महत्व है. पितृपक्ष में श्रद्धा भाव के साथ अपने पूर्वजों को याद किया जाता है. धार्मिक मान्यता के मुताबिक, विधि-विधान पूर्वक पितरों का श्राद्ध करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है. पितृपक्ष में पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान और तर्पण किया जाता है, जिससे प्रसन्न होकर पूर्वज अपने कुल को सुख समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं.

इस बार पितृपक्ष भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से शुरू होता है. यह इस बार 10 सितंबर से शुरू होकर 25 सितंबर तक चलेगा. क्या आपको पता है कि, पितृपक्ष में क्यों की जाती है भगवान विष्णु की पूजा आराधना ?

जानिए पितृपक्ष में क्यों करें भगवान विष्णु की पूजा?
NEWS 18 LOCAL से खास बातचीत करते हुए ज्योतिषाचार्य पंडित कल्कि राम बताते हैं कि जगतपति भगवान विष्णु जगत के पालनहार हैं और मोक्ष के दाता हैं. भगवान विष्णु ही एक मात्र ऐसे देवता हैं जो सृष्टि के पालनहार हैं और मृत्यु उपरांत मनुष्य को मोक्ष की गति भी प्रदान करते हैं. गया में भगवान विष्णु का एक प्रसिद्ध मंदिर है जिसको तीर्थ कहा गया है. दुनिया के लोग कहीं भी रहें पितरों की शांति के लिए गया ही जाते हैं. वहां पर भगवान विष्णु की पूजा होती है.

इसके साथ ज्योतिषाचार्य पंडित कल्कि राम ने बताया कि अगर व्यक्ति अकाल मृत्यु से मरता है तो नारायण बलि की पूजा होती है. उस नारायण बलि में भगवान विष्णु अधिपति हैं. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार पितृपक्ष में विष्णु लोक की अनुमति से विष्णु लोक से सारे पित्र छोड़े जाते हैं. अपने परिजनों के पास जाते हैं उनके परिजन अपने सामर्थ्य शक्ति के अनुसार पिंड दान तर्पण इत्यादि कर्म करते हैं.

जानिए क्या है महत्व?
ज्योतिषाचार्य पंडित कल्कि राम बताते हैं कि पितरों की पूजा करने का मतलब भगवान विष्णु की पूजा करना होता है. वह सीधे भगवान विष्णु को जाता है. पितृपक्ष में पूजा के फल से पित्र प्रसन्न होते हैं. स्वयं भगवान राम ने भी की पितृपक्ष मर्यादा रखकर पूजा की है. उन्‍होंने ये पूजा गया के लक्ष्मण घाट पर की थी.

रिपोर्ट- सर्वेश श्रीवास्तव

 

(नोट: यहां दी गई जानकारी मान्यताओं पर आधारित है CRIME CAP NEWS  इसकी पुष्टि नहीं करता)

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