जाति, धर्म के नाम पर नफरत को फैलने से नहीं रोका गया तो देश गृहयुद्ध की तरफ जा सकता है: गहलोत

कांग्रेस (Congress) के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत (Ashok Gahlot) ने कहा कि पार्टी में सबकी यही भावना है कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) एक बार फिर से पार्टी की कमान संभालें. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने से कांग्रेस मजबूत होगी और सब मिलकर काम करेंगे तथा देश के सामने जो चुनौतियां हैं उनसे निपटने में भी आसानी होगी.
राजस्थान के मुख्यमंत्री के अनुसार, किसी इलाके में जिस समुदाय के लोग कम संख्या में हैं तो वे डरे हुए रहते हैं (
कन्याकुमारी:
राजस्थान (Rajasthan) के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने बुधवार को आगाह किया कि अगर जाति, धर्म के नाम पर नफरत को फैलने से नहीं रोका गया तो देश गृहयुद्ध की तरफ जा सकता है. उन्होंने कांग्रेस (Congress) की ‘भारत जोड़ो’ यात्रा की शुरुआत से पहले संवाददाताओं से यह भी कहा कि वह चाहते हैं कि ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को सद्बुद्धि आए’ और वे हालात को समझ सकें.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गहलोत ने यह भी कहा कि पार्टी में सबकी यही भावना है कि राहुल गांधी एक बार फिर से पार्टी की कमान संभालें. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने से कांग्रेस मजबूत होगी और सब मिलकर काम करेंगे तथा देश के सामने जो चुनौतियां हैं उनसे निपटने में भी आसानी होगी. गहलोत ने कहा, ‘‘हम लोग प्रधानमंत्री से आग्रह करते आ रहे हैं कि आप अपील करिये कि प्रेम, भाईचारा और सद्भाव होना चाहिए और हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी. लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.’’
उनका यह भी कहना था, ‘‘बहुत ज्यादा ध्रुवीकरण हुआ है. जाति और धर्म के नाम पर हिंसा फैल गई है. अगर इस स्थिति को नहीं संभाला गया तो यह गृहयुद्ध की तरफ जा सकती है.’’ राजस्थान के मुख्यमंत्री के अनुसार, किसी इलाके में जिस समुदाय के लोग कम संख्या में हैं तो वे डरे हुए रहते हैं.
उन्होंने कहा कि इस वक्त ‘देश चला रहे’ प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री शाह को राहुल गांधी की यात्रा का संदेश समझना चाहिए. गहलोत ने कहा कि राहुल गांधी एक गांधीवादी व्यक्ति हैं और उनके दिल में नफरत और गुस्सा बिल्कुल भी नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘‘राहुल जी, बहुत प्यारे इंसान हैं. उनके अंदर नफरत और गुस्सा बिल्कुल नहीं है. इसीलिए उन्होंने भावुकता में प्रधानमंत्री को गले लगा लिया. प्रधानमंत्री जी का बड़प्पन होता कि वह खड़े हो जाते और उनसे मिलते.’’