भारत-चीन विवाद से बांग्लादेश की PM शेख हसीना ने झाड़ा पल्ला, जानिए क्या बोलीं

Bangladesh PM on IND-China: चीन के साथ-साथ भारत के साथ ढाका के संबंधों से जुड़ा सवाल पर शेख हसीना ने कहा कि मेरा मुख्य लक्ष्य मेरे देश का विकास है। उन्होंने कहा कि हमारी विदेश नीति बहुत साफ है कि सभी से मित्रता, किसी से द्वेष नहीं।
नई दिल्ली
Bangladesh PM Sheikh Hasina: बांग्लादेश की प्रधान मंत्री शेख हसीना ने भारत चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद से खुद को दूर रखा है। उन्होंने न्यूज एजेंसी ANI को दिए एक इंटरव्यू में भारत को एक ‘विश्वसनीय मित्र’ बताया। बता दें कि शेख हसीना का 5 से 8 सितंबर के बीच भारत आने का कार्यक्रम है। अपने इस कार्यक्रम में वह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मुलाकात अलावा प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय परामर्श करेंगी।
पीएम मोदी को धन्यवाद:
74 वर्षीय पीएम शेख हसीना ने भारत के वैक्सीन मैत्री कार्यक्रम के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद दिया। इसके साथ ही यूक्रेन में छिड़े रूसी वार से बांग्लादेशी नागरिकों को निकालने में भारत की भूमिका को “मित्रवत” बताया। शेख हसीना ने दोनों देशों के बीच दशकों पुराने संबंधों की भी तारीफ की। उन्होंने कहा, “1975 में भी, जब मैंने अपने परिवार के सभी सदस्यों को खो दिया था, तो उस समय तत्कालीन भारतीय पीएम ने हमें भारत में शरण दी थी।”
भारत-चीन विवाद पर क्या कहा:
वहीं चीन के साथ-साथ भारत के साथ ढाका के संबंधों से जुड़े सवाल पर शेख हसीना ने कहा कि मेरा मुख्य लक्ष्य मेरे देश का विकास है। उन्होंने कहा, “हमारी विदेश नीति बहुत साफ है कि सभी से मित्रता, किसी से द्वेष नहीं। अगर कोई समस्या है, तो वह चीन और भारत के बीच है। मैं उसमें पड़ना नहीं चाहती।” शेख हसीना ने कहा कि दोनों देशों के बीच किसी भी मुद्दे के द्विपक्षीय समाधान होने चाहिए।
बांग्लादेश की पीएम ने कहा, “जब आप कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं, तो कुछ समस्याएं तो आएंगी ही, बनी रहेंगी या फिर आप उसका समाधान कर सकते हैं। हमारे पास अभी भी मुद्दे हैं लेकिन मुझे लगता है कि हम अपनी बातचीत जारी रखेंगे।” उन्होंने कहा कि हमारे विकास के लिए, हमें किसी भी देश से सहयोग की आवश्यकता है जो हमारे देश के लिए सही हो।
रोहिंग्या संकट पर क्या कहा:
बांग्लादेश में रह रहे रोहिंग्याओं पर शेख हसीना ने कहा, “हमारे लिए, यह एक बड़ा बोझ है। मानवीय आधार पर, हम उन्हें आश्रय और सब कुछ देते हैं, लेकिन इस तरह वे यहां कब तक रहेंगे? उनमें से कुछ नशीले पदार्थों या महिलाओं की तस्करी में लिप्त हैं। जितना जल्दी वो लौटते हैं, अच्छा होगा। हम इस पर चर्चा कर रहे हैं। इस मामले में भारत एक बड़ी भूमिका निभा सकता है।”