अदालतों को निष्पक्ष होना चाहिए, कुछ हालात में विपक्ष की भूमिका भी निभानी चाहिए: पूर्व CJI एन वी रमण

भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमण ने रविवार को कहा कि अदालतों को निष्पक्ष होना चाहिए और उसके फैसलों से लोकतंत्र में सुधार होना चाहिए.
नई दिल्ली.
भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमण ने रविवार को कहा कि अदालतों को निष्पक्ष होना चाहिए और उसके फैसलों से लोकतंत्र में सुधार होना चाहिए, लेकिन कुछ स्थितियों में अदालतों से विपक्ष की भूमिका निभाने या उसकी जगह लेने की अपेक्षा की जाती है. कैपिटल फाउंडेशन सोसाइटी से न्यायमूर्ति वी आर कृष्ण अय्यर पुरस्कार प्राप्त करने के बाद अपने सम्बोधन में न्यायमूर्ति रमण ने कहा कि 1960 और 1970 के दशक आधुनिक भारतीय इतिहास में सबसे चुनौतीपूर्ण अवधि थे. उन्होंने कहा, ‘‘इस काल ने संसद और न्यायपालिका के बीच संघर्ष देखा. संसद ने अपना वर्चस्व बनाये रखने के लिए कोशिश की, जबकि उच्चतम न्यायालय का प्रयास संवैधानिक सर्वोच्चता बरकरार रखने के लिए था. पूर्व सीजेआई ने कहा कि अदालतों ने यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है कि संवैधानिक अधिकारों ने अपना अर्थ नहीं खोया है.
उन्होंने कहा कि अदालतों ने इस विचार को सुदृढ़ किया है कि न्याय समुदाय के कल्याण के साथ व्यक्तिगत जरूरतों को संतुलित करने की मांग करता है, जिसके परिणामस्वरूप देश लिखित संविधान द्वारा शासित सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में फल-फूल रहा है. आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के पोन्नावरम गांव में एक किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले न्यायमूर्ति रमण 26 अगस्त को 48वें सीजेआई के पद से सेवानिवृत्त हुए थे. उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एके पटनायक की अध्यक्षता में आयोजित समारोह में ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया, जिन्हें लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया था.
न्यायमूर्ति रमण ने कहा कि उनके लिए ‘भारतीय न्यायपालिका में मेरे अनुभव’ विषय पर व्याख्यान देना उचित नहीं है, क्योंकि वह हाल ही में प्रधान न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं. उन्होंने इसके बदले ‘72 वर्षों में भारतीय न्यायपालिका की यात्रा’ विषय पर व्याख्यान दिया. न्यायमूर्ति रमण ने कहा कि न्यायपालिका को जनहित याचिका प्रणाली के दुरुपयोग सहित कई सवालों की जांच करने की जरूरत है. उन्होंने न्यायपालिका को बढ़ते मुकदमों सहित विभिन्न उभरती चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करने की आवश्यकता भी जताई.