प्रधानमंत्री की आलोचना वाले पोस्टर पर दर्ज FIR रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

याचिकाकर्ता ने दावा किया कि राजधानी में चिपकाए गए पोस्टरों के सिलसिले में कम से कम 25 प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं और 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
नई दिल्ली.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की आलोचना वाले पोस्टर चिपकाने को लेकर दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की तरफ से दर्ज प्राथमिकी रद्द करने के लिए उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) में याचिका दायर की गई है. वकील प्रदीप कुमार यादव की तरफ से दायर याचिका में दिल्ली पुलिस के आयुक्त को निर्देश देने की मांग की गई है कि टीकाकरण (Vaccination) के संदर्भ में लगाए गए पोस्टर/विज्ञापन/ब्रोशर के सिलसिले में आगे कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की जाए.
यादव ने कहा कि दीवारों पर पोस्टर चिपकाकर अभिव्यक्ति दर्शाने के लिए ‘‘निर्दोष आम आदमी की अवैध गिरफ्तारी’’ में वह इस अदालत का हस्तक्षेप चाहते हैं. ये पोस्टर अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि संविधान के तहत जनहित में वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हर नागरिक का मौलिक अधिकार है.
दर्ज की गई हैं 25 एफआईआर
वकील ने 2015 में श्रेया सिंघल मामले में शीर्ष अदालत के फैसले का जिक्र किया जिसमें आईटी कानून की धारा 66ए को रद्द कर दिया गया था. उन्होंने कोविड प्रबंधन को लेकर अदालत के हाल के आदेश का भी जिक्र किया जिसमें राज्य के अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि सोशल मीडिया पर चिकित्सीय सहयोग मांगने वाले लोगों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज नहीं किए जाएं.
याचिकाकर्ता ने दावा किया कि राजधानी में चिपकाए गए पोस्टरों के सिलसिले में कम से कम 25 प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं और 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.