अधर में लटका यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्रों का भविष्य, ‘मोबिलिटी प्रोग्राम’ को NMC ने नहीं दी मान्यता

यूक्रेनी विश्वविद्यालयों की तरफ से भारतीय छात्रों को दूसरा विकल्प ‘मोबिलिटी प्रोग्राम’ का दिया जा रहा है, जिसके तहत उनकी कक्षाओं को यूरोप के किसी अन्य विश्वविद्यालय में व्यवस्थित किया जाएगा. हालांकि, वे यूक्रेनी विश्वविद्यालय के छात्र बने रहेंगे. छात्रों को मोबिलिटी प्रोग्रम की पेशकश को मान्यता देने से इनकार करने के अलावा, एनएमसी ने स्पष्ट किया कि भारतीय मेडिकल कॉलेजों में उन्हें समायोजित करने का विकल्प भी नहीं है.
भारत की राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद ने मेडिकल छात्रों के लिए यूक्रेन सरकार के मोबिलिटी प्रोग्राम को मान्यता देने से इनकार कर दिया है.
नई दिल्लीः
युद्ध छिड़ने के बाद यूक्रेन से लौटे भारतीय मेडिकल छात्रों को झटका देते हुए, भारत की राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद (National Medical Council) ने अधिसूचित किया है कि वह विदेशी मेडिकल छात्रों के लिए यूक्रेनी सरकार द्वारा पेश किए जा रहे ‘गतिशीलता कार्यक्रम’ (Mobility Programme) को मान्यता नहीं देता है. द इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक आगामी 1 सितंबर से शुरू होने वाले ऑटम सेमेस्टर से पहले, यूक्रेनी विश्वविद्यालय भारतीय छात्रों को एक गतिशीलता कार्यक्रम (Mobility Programme) की पेशकश कर रहे हैं. यानी ‘स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम’ के तहत भारतीय छात्र कुछ सेमेस्टर के लिए दूसरे विश्वविद्यालयों में अध्ययन करने का विकल्प चुन सकते हैं, जिसे एनएमसी (National Medical Council of India) ने मान्यता देने से इनकार कर दिया है.
भारतीय छात्रों को यूक्रेनी विश्वविद्यालयों से अगले सेमेस्टर के लिए शुल्क का भुगतान करने के लिए ईमेल मिलना शुरू हो गया है. छात्रों को ऑफलाइन क्लास अटेंड करने के लिए विश्वविद्यालय लौटने या ऑनलाइन अध्ययन जारी रखने और अगले सेमेस्टर के शुरू होने पर फरवरी 2023 के आसपास व्यावहारिक प्रशिक्षण के लिए लौटने का विकल्प दिया जा रहा है. यूक्रेनी विश्वविद्यालयों की तरफ से भारतीय छात्रों को दूसरा विकल्प ‘मोबिलिटी प्रोग्राम’ का दिया जा रहा है, जिसके तहत उनकी कक्षाओं को यूरोप के किसी अन्य विश्वविद्यालय में व्यवस्थित किया जाएगा. हालांकि, वे यूक्रेनी विश्वविद्यालय के छात्र बने रहेंगे. छात्रों को मोबिलिटी प्रोग्रम की पेशकश को मान्यता देने से इनकार करने के अलावा, एनएमसी ने स्पष्ट किया कि भारतीय मेडिकल कॉलेजों में उन्हें समायोजित करने का विकल्प भी नहीं है.
भारतीय कॉलेज में प्रवेश के लिए नीट पास करना होगा
छात्रों के पास एक यह विकल्प उपलब्ध है कि वे स्थानांतरण ले लें. यानी यूक्रेनियन विश्वविद्यालय छोड़ कर किसी अन्य विश्वविद्यालय में प्रवेश लें. लेकिन यह विकल्प भी केवल उन्हीं छात्रों के लिए उपलब्ध है, जिनका कोर्स 18 नवंबर, 2021 से पहले शुरू हुआ था. नवंबर 2021 में लागू हुए फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट लाइसेंसिएट (FMGL) रेगुलेशन में कहा गया है कि छात्रों को स्थानांतरण के विकल्प के बिना एक ही विश्वविद्यालय से अपना पूरा प्रशिक्षण और इंटर्नशिप पूरा करना होगा. इसलिए, प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए जिनकी कक्षाएं कट-ऑफ तिथि (18 नवंबर, 2021) के बाद शुरू हुईं, उनके पास स्थानांतरण का विकल्प भी मौजूद नहीं है. उन्हें या तो यूक्रेन लौटना होगा या किसी भारतीय कॉलेज में प्रवेश के लिए नीट पास करना होगा.
अब इन छात्रों के लिए आगे बढ़ने का क्या रास्ता बचता है?
नवीनतम एनएमसी अधिसूचना के साथ, द्वितीय वर्ष के मेडिकल छात्रों के पास यूक्रेनी विश्वविद्यालय छोड़ने और किसी अन्य विदेशी विश्वविद्यालय में व्यक्तिगत स्थानांतरण की तलाश करने का विकल्प है. उन छात्रों के लिए जिन्होंने 18 नवंबर, 2021 के बाद दाखिला लिया है, वे ऑनलाइन थ्योरी कक्षाओं में शामिल हो सकते हैं और प्रैक्टिकल/क्लीनिकल ट्रेनिंग के लिए यूक्रेन लौट सकते हैं. सभी के लिए एक अन्य विकल्प नीट पास करना और भारत के किसी मेडिकल कॉलेज में नए सिरे से प्रवेश लेना है. कई भारतीय छात्र जिन्होंने यूक्रेनियन मेडिकल कॉलेजों में दाखिला लिया था और मोबिलिटी स्कीम के तहत कोर्स पूरा करने के लिए दूसरे यूरोपीय देश में जाने पर विचार कर रहे थे, वे अब बहुत चिंतित हैं.