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गुजरात के बोटाद जिले में जहरीली शराब पीने से अब तकआठ गामके 29 की मौत कईओकी हालत गभीर

गुजरात में शराब की अवैध बिक्री पर 10 साल कैद और 5 लाख रुपये जुर्माने की सजा का प्रावधान है. राज्य में 1960 से शराबबंदी लागू है और राज्य सरकार ने 2017 में इस कानून को और सख्त कर दिया था.

*2009 में अहमदाबाद में  लट्ठाकांड में 123 लोगों की जान चली गई थी।

*ये लट्टालट्ठाकांडमें धंधुका और बरवाला में भी मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। इस लट्ठाकांड ने वर्ष 2009 में अहमदाबाद में हुए लठकांड की याद दिला दी है। जिसमें 123 लोगों की मौत हो गई। साथ ही सूरत में लट्ठा की घटना में 24 लोगों की जान चली गई

*मोदीजी के गुजरातमे शराब बंधी सिर्फ नामकी है गुजरात के किसी शहर या गांव में मांगो उतनी देशी शराब व इंलिश शराब बिदाश मिलती है गुजरात की जागृत प्रजा का कहना है की स्थानीय पुलिस इस धंधे शामील है गुजरात पुलिस की शेहसे ये धंधा बेखोब गुजरात में फूला फाला है

*गुजरात के खेड़ा जिले के महेमदावाद तालूका शहरमें देशी व अंग्रेजी शराब बेखौब मिलती है २००९ के लठा कांड मे देशी शराब महेमदाबाद से सप्लाई हुई थी

 

.अहमदाबाद

गुजरात के अहमदाबाद ग्रामीण और बोटाद जिलों में जहरीली शराब के सेवन से 19 लोगों की मौत हो गई है. बोटाद जिले के राजिंद गांव में जहरीली शराब पीने से बीमार हुए 40 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. रविवार रात बोटाद में जहरीली शराब पीने से करीब चार दर्जन लोगों की तबीयत खराब हुई थी, जिन्हें सोमवार सुबह अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अस्पताल में भर्ती लोगों की शाम होने तक मौत की खबरें आने लगी.

भावनगर रेंज आईजी अशोक यादव ने इस घटना की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया है. अहमदाबाद में केमिकल का इस्तेमाल कर शराब बनाने वाले मुख्य आरोपी को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया है. कुछ मीडिया रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है मुख्य आरोपी ने पूछताछ में बताया कि शराब फैक्ट्री में मेथनॉल की आपूर्ति की जा रही थी. ये केमिकल अहमदाबाद से सीधे सप्लाई किया जाता था.

गुजरात में शराबबंदी, फिर कैसे बिक रही शराब?
मंत्री वीनू मरोदिया ने भास्कर के इस सवाल का जवाब देते हुए कहा कि ये घटना दुखद है और शर्मनाक। हम इसकी जांच करेंगे कि शराबबंदी के बावजूद राज्य में शराब कैसे और कौन बेच रहा है? गुजरात में 1960 से ही शराबबंदी लागू कर दी गई थी। 2017 में गुजरात सरकार ने शराबबंदी से जुड़े कानून को और कठोर कर दिया था। इसके तहत अगर कोई गैरकानूनी तरीके से शराब की बिक्री करता है, तो उसे 10 साल कैद और 5 लाख रुपए जुर्माने की सजा हो सकती है।

 

बिहार में शराबबंदी, फिर भी इससे जा रही लोगों की जान

बोटाद, भावनगर और अहमदाबाद के अस्पतालों में जहरीली शराब से बीमार लोगों का इलाज चल रहा है. बताया जा रहा है कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि कई की हालत नाजुक बताई जा रही है.

गुजरात में शराब की अवैध बिक्री पर 10 साल कैद और 5 लाख रुपये जुर्माने की सजा का प्रावधान है. राज्य में 1960 से शराबबंदी लागू है और राज्य सरकार ने 2017 में इस कानून को और सख्त कर दिया था.

जहरीली शराब कांड के बाद विपक्षी दल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी बीजेपी सरकार पर निशाना साध रही है. गुजरात कांग्रेस के विधायक अमित चावड़ा ने आरोप लगाया, “अवैध शराब कारोबारी और पुलिस की सांठगांठ और राज्य में भाजपा नेताओं द्वारा प्रदान किए गए संरक्षण के कारण शराब की बड़े पैमाने पर तस्करी हो रही है.” उन्होंने यह भी कहा कि “पुलिस नियमित रूप से शराब बेचने वालों से हर महीने रिश्वत लेती है.”

जांच के लिए SIT का गठन
सरकार ने जांच के लिए DSP रैंक के अधिकारी की अध्यक्षता में पूरे मामले की जांच सौंपी है। इसके लिए SIT का गठन किया गया है। शुरुआती जांच में पता चला है कि रोजिंद, अणीयाणी, आकरु, चंदरवा और उंचडी गांव के लोग इसकी चपेट में आए हैं।

वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि शराब पर प्रतिबंध सिर्फ कागजों पर है. उन्होंने कहा कि गुजरात में अगर आप सत्ता में आती है तो वह इस प्रतिबंध को असल में लागू करेगी.

 

 

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