भ्रष्टाचार या गलत काम का समर्थन नहीं : बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी के बाद बोलीं ममता बनर्जी

पार्थ चटर्जी को प्रवर्तन निदेशालय ने शनिवार को शिक्षक भर्ती घोटाले से जुड़े कथित मनी लांड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था. पार्थ की करीबी सहयोगी अर्पिता के पास से 20 करोड़ रुपये बरामद होने के बाद यह गिरफ्तारी की गई थी.
अपने मंत्री पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी पर बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की प्रतिक्रिया सामने आई है
कोलकाता :
शिक्षक भर्ती घोटाले में पश्चिम बंगाल सरकार के मंत्री पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि वे भ्रष्टाचार या किसी गलत काम का समर्थन नहीं करतीं. ममता ने कहा, “मैं भ्रष्टाचार या किसी भी तरह के गलत काम का समर्थन करती.अगर कोई दोषी पाया जाता है, तो उसे दंडित किया जाना चाहिए, लेकिन मेरे खिलाफ चलाये जा रहे दुर्भावनापूर्ण अभियान की मैं निंदा करती हूं. ” उन्होंने कहा कि सच्चाई सामने आनी चाहिए, लेकिन एक समय सीमा के भीतर. ममता ने कहा, “बीजेपी यदि यह सोच रही कि वह केंद्रीय एजेंसियों का उपयोग करके मेरी पार्टी को तोड़ सकती है तो वह गलत सोच रही, ऐसा नहीं होने वाला. ” पार्थ चटर्जी को प्रवर्तन निदेशालय ने शनिवार को शिक्षक भर्ती घोटाले से जुड़े कथित मनी लांड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था. पार्थ की करीबी सहयोगी अर्पिता के पास से 20 करोड़ रुपये बरामद होने के बाद यह गिरफ्तारी की गई थी. मामले में अर्पिता की भी गिरफ्तारी की गई है.
गौरतलब है कि इससे पहले, तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि बीजेपी राजनीतिक प्रतिशोध के तहत जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है. पार्टी ने कहा था कि अगर मंत्री दोषी पाए गए तो उन पर कार्रवाई होगी. गौरतलब है कि चटर्जी की सहयोगी अर्पिता के घर से 20 करोड़ रुपये नकदी मिली है और बीजेपी इसको लेकर बंगाल सरकार के खिलाफ हमलावर है. तृणमूल ने शनिवार को आधिकारिक प्रतिक्रिया में कहा था, “हम हालात को गहनता से देख रहे हैं और हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है. न्यायपालिका के फैसले के बाद, हम निर्णय लेने में सक्षम होंगे. अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस पार्टी या सरकार में किसी भी कदाचार को बर्दाश्त नहीं करेगी. इसके बाद न्यायपालिका अपना फैसला लेकर आती है, तभी तृणमूल कांग्रेस कार्रवाई करेगी. हमारा मानना है कि इस खेल के पीछे भाजपा है. जिसने भी भाजपा में प्रवेश किया है वह अछूता रहा है और जो भी रुका है उसे परेशान किया जा रहा है.”
इस बीच, सोमवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स)-भुवनेश्वर के डॉक्टरों ने कहा कि पार्थ चटर्जी गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं, लेकिन उन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं है. कलकत्ता हाईकोर्ट ने 24 जुलाई को ईडी को चटर्जी को एयर एम्बुलेंस से ओडिशा के अस्पताल में ले जाने का निर्देश दिया था. एम्स के कार्यकारी निदेशक आशुतोष विश्वास ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने (चटर्जी की) जांच की है. उन्हें कुछ गंभीर बीमारियां हैं, लेकिन उन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं है.” बिस्वास ने कहा कि अदालत को चटर्जी के स्वास्थ्य की स्थिति के बारे में सूचित कर दिया गया है.