MVA को तोड़कर राष्ट्रपति चुनाव के लिए नंबर जुटाना चाहती है बीजेपी- बोले यशवंत सिन्हा

महाराष्ट्र की राजनीति में आए तूफान के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराते हुए यशवंत सिन्हा ने कहा कि इस तरह राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोट बढ़ाए जा रहे हैं ये उनका पुराना खेल है।
नई दिल्ली
राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा।
महाराष्ट्र में चल रहे सियासी खेल को राष्ट्रपति चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने इस बात का दावा किया है और कहा कि इसके जरिए बीजेपी चुनाव के लिए नंबर जुटाना चाहती है। उनका कहना है कि महाराष्ट्र में बीजेपी के पास कम वोट थे और महा विकास अघाड़ी के पास ज्यादा वोट थे।
उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी इस गठबंधन को तोड़ देती है, तो उनके पास वोट बढ़ जाएंगे जिससे राज्य की सत्ता के साथ राष्ट्रपति चुनाव में भी उसे फायदा मिलेगा। उन्होंने महाराष्ट्र की राजनीति में आए तूफान के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि ये उनका पुराना खेल है।
बता दें कि शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे मंगलवार (21 जून, 2022) को पार्टी विधायकों के साथ पहले गुजरात और फिर असम चले गए थे। उनके इस कदम से महाराष्ट्र सरकार पर संकट आ गया है। महाराष्ट्र की सियासत में आई इस उथल-पुथल के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे बुधवार को सीएम आवास वर्षा से अपने आवास मतोश्री शिफ्ट हो गए।
उधर, बगावती तेवर अख्तियार कर चुके शिवसेना विधायक शिंदे दावा कर रहे हैं कि उनके पास 40 से ज्यादा विधायकों का समर्थन है। इस वजह से महा विकास अघाड़ी गठबंधन की सरकार पर खतरा छाया हुआ है। हालांकि, एनसीपी प्रमुख भी अब उद्धव ठाकरे के बचाव में उतर आए हैं और उन्होंने दावा किया कि जल्द ही यह संकट भी टल जाएगा और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में ही महाराष्ट्र की सरकार चलेगी।
वहीं, राष्ट्रपति चुनाव को लेकर भी राजनीतिक दलों में काफी हलचल है। बीजेपी ने एनडीए की तरफ से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर द्रौपदी मुर्मू के नाम की घोषणा की है। मुर्मू एक आदिवासी महिला हैं और ओडिशा सरकार में मंत्री रहने के अलावा 2015 से 2021 तक झारखंड की राज्यपाल भी रही हैं। उधर, विपक्ष ने यशवंत सिन्हा को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है, जो पहले बीजेपी में ही थे और वाजपेयी सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं। हालांकि, साल 2021 में उन्होंने बीजेपी को अलविदा कर तृणमूल कांग्रेस का हाथ थाम लिया था।