अग्निपथ के ख़िलाफ़ बिहार और राजस्थान में युवाओं का प्रदर्शन

केंद्र सरकार ने मंगलवार सेना में भर्ती के लिए ‘अग्निपथ योजना’ लॉन्च की थी.
अग्निपथ की आग में दहक उठा बिहार: युवाओं ने ट्रेन में लगाई आग, पटरियों पर उग्र प्रदर्शन से कई रेलखंड पर यातायात बाधित….
सेना में भर्ती के लिए अग्निपथ स्कीम लाने की घोषणा की गई है. बिहार के युवा और छात्र इस योजना का लगातार विरोध कर रहे हैं. गुरुवार को युवाओं ने बिहार के विभिन्न जिलों में उग्र और हिंसक विरोध-प्रदर्शन किया. कुछ जगहों पर ट्रेनों में आग लगा दी गई, जबकि कुछ जिलों में नेशनल हाइवे को ब्लॉक कर दिया.
पटना
अग्निपथ स्कीम का पूरे बिहार में जबर्दश्त विरोध हो रहा है. युवा और छात्र सड़कों पर उतर कर हिंसक विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. बक्सर से लेकर मुंगेर तक और सहरसा से लेकर नवादा तक में हिंसक प्रदर्शन किए जा रहे हैं. उग्र प्रदर्शनकारियों के निशाने पर भारतीय रेल है. कई जगहों पर यात्री ट्रेनों में आग लगाने की घटनाएं सामने आई हैं. छात्र एवं युवा रेलवे पटरियों और नेशनल हाइवे पर उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं. ट्रेन सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं. वहीं, कुछ जिलों में नेशनल हाइवे पर भी प्रदर्शन किया गया है, जिसके चलते यातायात व्यवस्था चरमरा गई है. बता दें कि भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना में भर्ती के लिए अग्निपथ स्कीम लॉन्च करने की घोषणा की गई है. इस योजना के तहत इच्छुक युवाओं का 4 वर्षों के लिए सशस्त्र बलों में भर्तियां की जाएंगी.
आंदोलनकारी छात्र एवं युवा सुबह से ही हिंसक प्रदर्शन कर रहे हैं. सहरसा, छपरा, गोपालगंज, आरा, बक्सर, सीवान आदि जगहों पर प्रदर्शनकारी रेलवे पटरियों और सड़क पर प्रदर्शन कर रहे हैं. इन जगहों पर ट्रेनों का परिचालन ठप हो गया है. कुछ जगहों पर ट्रेनों को आग के हवाले भी कर दिया गया. शुरुआत में प्रदर्शनकारी छात्र और युवा पटरियों पर उतर कर अग्निपथ योजना के खिलाफ विरोध जताने लगे. देखते ही देखते प्रदर्शनकारियों का हुजूम हिंसक हो गया और यात्री ट्रेन की बोगियों में आग लगा दी गई. इससे मौके पर अफरा-तफरी का माहौल हो गया. उग्र युवाओं ने सीवान जंक्शन के समीप सिसवन ढाला रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया. वहीं, गोपालगंज में सिधवलिया स्टेशन पर पैसेंजर ट्रेन को रोक दिया गया. वहां आगजनी कर उग्र प्रदर्शन किया गया.
आरा-छपरा में ट्रेन में लगाई आग
अग्निपथ स्कीम का विरोध कर रहे युवाओं के निशाने पर मुख्य तौर से भारतीय रेल ही रहा. उग्र प्रदर्शनकारियों ने छपरा में यात्री ट्रेनों को व्यापक पैमाने पर नुकसान पहुंचया. तोड़फोड़ करने के साथ ही पैसेंजर ट्रेन में आग लगा दी गई. प्लेटफॉर्म पर भी सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया. रेलवे ट्रैक पर विरोध-प्रदर्शन करने के कारण ट्रेनों का परिचालन भी ठप हो गया. इससे यात्रियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, दिल्ली-हावड़ा रेलवे रूट पर पड़ने वाले आरा में भी उग्र प्रदर्शन किया जा रहा है. युवाओं की भीड़ रेलवे स्टेशन पर पहुंचकर तोड़फोड़ की है. साथ ही ट्रेन में आग लगाने की भी सूचना है. प्लेटफॉर्म पर भी तोड़फोड़ की गई है. बाद में सुरक्षाबलों ने सभी को वहां से खदेड़ा.
ट्रेन सेवा बाधित
बिहार में अग्निपथ भर्ती योजना को लेकर छात्रों ने उग्र प्रदर्शन किया. छात्रों ने प्लेटफार्म पर व्यापक पैमाने पर तोड़फोड़ की. प्लेटफार्म पर लगी कुर्सियों को उखाड़ कर फेंक दिया गया. सहरसा में भी उग्र युवाओं का विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है. सुबह से ही उग्र छात्रों का हुजूम सड़क पर उतर कर प्रदर्शन कर रहा है. उग्र छात्रों ने सहरसा रेलवे स्टेशन के पास सहरसा-मानसी रेल लाइन को पूरी तरह से बाधित कर दिया. इसके कारण सहरसा से खुलने वाली सहरसा-नई दिल्ली वैशाली सुपरफास्ट एक्सप्रेस, सहरसा-पटना राज्यरानी समेत अन्य यात्री ट्रेनें स्टेशन पर ही खड़ी हैं. अन्य ट्रेनों का परिचालन भी बाधित हुआ है.
H भी किया ब्लॉक
अग्निपथ स्कीम के खिलाफ युवाओं का गुस्सा सिर्फ रेलवे पर नहीं उतरा, बल्कि सड़क मार्ग को भी कई जगहों पर बाधित किया गया. नवादा में आंदोलित छात्र लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. उग्र युवाओं ने पटना-रांची राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 31 को सद्भावना चौक के पास बाधित कर दिया गया है. एनएच पर आगजनी के कारण यातायात बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. वहीं, मुंगेर में NH-80 को भी जाम कर दिया गया. प्रदर्शनकारी के हिंसक प्रदर्शन के कारण यातायात बुरी तरह से प्रभावित हुआ है.
राजस्थान में युवाओं ने की सड़क जाम
राजस्थान की राजधानी जयपुर में युवाओं ने केंद्र सरकार की इस स्कीम का विरोध करते हुए सड़क और हाइवे जाम कर दिया.
सड़क जाम करने वाले युवा लंबे समय से भर्ती नहीं आने की वजह से निराश थे. इसके साथ ही युवा इस स्कीम के तहत मिलने वाली नौकरी की सेवा अवधि से भी असंतुष्ट हैं.
युवाओं की मांग है कि केंद्र सरकार की ‘अग्निपथ योजना’ को वापस लिया जाना चाहिए. उनका कहना है कि इस योजना से देश सेवा का जज़्बा पाले युवाओं का भविष्य अंधकार में चला जाएगा.
युवाओं का कहना है कि सेना में यदि इस तरह संविदा आधार पर भर्ती की जाएगी तो इससे देश की रक्षा के साथ भी खिलवाड़ होगा.
करधनी पुलिस थाना अध्यक्ष बनवारी लाल मीणा ने बीबीसी से कहा, “सेना भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं ने सड़क जाम कर दिया था. उनको समझाकर जाम खुलवाया गया है. इस संबंध में न ही कोई गिरफ़्तारी की है और न ही किसी को हिरासत में लिया है.”
क्या है प्रदर्शनकारियों की मांग
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि भर्ती पहले की तरह की जाए, टूर ऑफ ड्यूटी (टीओडी) को वापस लिया जाए और परीक्षा पहले की तरह आयोजित की जाए। कोई भी सेना में सिर्फ 4 साल के लिए नहीं जाएगा। वहीं जहानाबाद में प्रदर्शन कर रहे एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा कि केवल 4 साल काम करने के बाद हम कहां जाएंगे? 4 साल की सेवा के बाद हम बेघर हो जाएंगे। इसलिए हमने सड़कों को जाम कर दिया है, देश के नेताओं को अब पता चल जाएगा कि लोग जागरूक हैं। वहीं एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा कि हम सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। महीनों के प्रशिक्षण और छुट्टी के साथ 4 साल की सेवा कैसी होगी? सिर्फ 3 साल के प्रशिक्षण के बाद हम देश की रक्षा कैसे करेंगे? सरकार को वापस लेनी होगी यह योजना।
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सहरसा में रेलवे ट्रैक पर पहुंचे प्रदर्शनकारी
सहरसा जिला में तो प्रदर्शनकारी इस योजना को रद्द करने के लिए रेलवे ट्रैक पर पहुंच गए। इससे दो एक्सप्रेस ट्रेनें स्टेशन पर ही खड़ी रहीं। यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
छपरा में भी युवाओं ने किया प्रदर्शन
अग्निपथ योजना के विरोध में छपरा में भी युवाओं का प्रदर्शन जारी है। युवाओं ने टायर जलाए और बस में तोड़फोड़ की।
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अग्निपथ योजना क्या है?
‘अग्निपथ भर्ती योजना’ के तहत युवाओं को चार साल की अवधि के लिए सेना में शामिल होने का मौका मिलेगा। साढ़े 17 साल से 21 साल के युवा लड़के और लड़कियां इसके लिए पात्र होंगे। इसके लिए 10वीं से लेकर 12वीं तक के छात्र आवेदन कर सकेंगे। इसकी शुरुआत 90 दिन के भीतर हो जाएगी। इस साल 46 हजार अग्निवीरों की भर्ती की जाएगी। पहली भर्ती प्रक्रिया में युवाओं को छह महीने की ट्रेनिंग दी जाएगी। ट्रेनिंग का समय भी चार साल में शामिल होगा।
सेवानिधि पैकेज क्या है?
हर अग्निवीर को भर्ती के साल 30 हजार महीने तनख्वाह मिलेगी। इसमें से 70 फीसदी यानी 21 हजार रुपये उसे दिए जाएंगे। बाकी 30 फीसदी यानी नौ हजार रुपये अग्निवीर कॉर्प्स फंड में जमा होंगे। इस फंड में इतनी ही राशि सरकार भी डालेगी। दूसरे साल अग्निवीर की तनख्वाह बढ़कर 33 हजार, तीसरे साल 36.5 हजार तो चौथे साल 40 हजार रुपये हो जाएगी। चार साल में उसकी कुल बचत करीब 5.02 लाख रुपये होगी। वहीं सरकार की ओर से भी इतनी ही रकम जमा की जाएगी। नौकरी पूरी होने के बाद उसे ये रकम ब्याज सहित मिलेगी। जो करीब 11.71 लाख रुपये होगी। ये रकम टैक्स फ्री होगी।
सेवा के दौरान शहीद होने या दिव्यांग होने पर आर्थिक मदद का प्रावधान भी है। अगर कोई अग्निवीर देश सेवा के दौरान शहीद हो जाता है तो उसे सेवा निधि समेत एक करोड़ से ज्यादा की राशि ब्याज समेत दी जाएगी। इसके अलावा बची हुई नौकरी का वेतन भी दिया जाएगा। अगर कोई जवान ड्यूटी के दौरान डिसेबिल यानी दिव्यांग हो जाता है तो उसे 44 लाख रुपये तक की राशि दी जाएगी और बची हुई नौकरी का भी वेतन दिया जाएगा। चार साल की नौकरी के बाद युवाओं को सेवा निधि पैकेज दिया जाएगा। जो 11.71 लाख रुपए होगा।
क्या इस योजना के बाद अभी होने वाली सेना भर्तियां बंद हो जाएंगी?
नई योजना मौजूदा खुली भर्ती की जगह ही लाई गई है। अभी जनरल ड्यूटी के अलावा, क्लर्क, स्टोर कीपर, ट्रेडमैन, नर्सिंग असिस्टेंट जैसे पदों के लिए खुली भर्ती होती है। इसमें चयनित होने वाले युवा करीब साढ़े 17 साल सेना में सेवाएं देते हैं। सेवा समाप्त होने के बाद इन्हें पेंशन भी मिलती है। अब इन पदों पर केवल चार साल के लिए भर्ती होगी। इन अग्निवीरों को कोई पेंशन नहीं मिलेगी। सेवाकाल समाप्त होने के बाद उन्हें एकमुश्त राशि ही मिलेगी।
चार साल की सेवा के बाद अग्निवीर का क्या होगा?
चार साल के सेवाकाल के बाद 75 फीसदी जवानों की सेवाएं समाप्त हो जाएंगी। अधिकतम 25 फीसदी को रेगुलर काडर में जगह मिलेगी। इसके लिए सेवाकाल पूरा होने के बाद ऐच्छिक आधार पर रेगुलर काडर के लिए आवेदन करना होगा।
चार साल के बाद जिन जवानों को सेवा मुक्त किया जाएगा उनका क्या होगा?
जिन जवानों को सेवा से मुक्त किया जाएगा, उन्हें सशस्त्र बल व अन्य सरकारी नौकरियों में वरीयता मिलेगी। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान रक्षा मंत्री ने कहा कि चार साल के सेवाएं देने वाले अग्निवीर को कई राज्यों और केंद्रीय मंत्रालयों में आने वाली नौकरियों में प्राथमिकता दी जाएगी। रक्षा मंत्री के एलान के बाद राज्यों के ओर से इस तरह की घोषणाएं भी होने लगी हैं। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश पुलिस में अग्निवीर जवानों को भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी।
नई योजना के बाद सेना में भर्ती होने वाले सैनिक के लिए क्या-क्या बदलेगा?
नई योजना में भर्ती की प्रक्रिया पहले की ही तरह रहेगी। चयनित होने के बाद छह महीने के कठिन ट्रेनिंग होगी। इसके बाद तैनाती होगी। नई योजना से सेना में युवाओं को ज्यादा मौके मिलेंगे। अभी सेना की औसत आयु 32 साल है। योजना लागू होने के बाद अगले छह से सात साल में ये घटकर 24 से 26 साल हो जाएगी।