टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया का गाबा का घमंड नहीं तोड़ने देना चाहते थे रवि शास्त्री, आर अश्विन ने किया खुलासा

हेड कोच रवि शास्त्री टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया का गाबा का घमंड नहीं तोड़ने देना चाहते थे। शास्त्री चाहते थे कि मैच को ड्रॉ करा दिया जाए, क्योंकि ऋषभ पंत के बाद बल्लेबाजी नहीं थी, लेकिन भारत जीता।
नई दिल्ली
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2020-21 एक ऐसी सीरीज थी, जिसे कोई भी नहीं भूल सकता, क्योंकि एक चोटिल टीम इंडिया ने सभी बाधाओं के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया को उनकी ही सरजमीं पर हराया था। भारत को एडिलेड टेस्ट में 36 रन पर सिमटने के बाद कई पंडितों ने व्हाइटवॉश की भविष्यवाणी की थी, क्योंकि विराट कोहली अपने पहले बच्चे के जन्म के लिए भारत लौट आए थे। हालांकि, अजिंक्य रहाणे की कप्तानी में टीम ने ऑस्ट्रेलिया को हराया।
चौथे टेस्ट से पहले चार मैचों की सीरीज 1-1 की बराबरी पर थी और निर्णायक मुकाबला गाबा में खेला जाना था, जहां ऑस्ट्रेलिया की टीम को सबसे लंबे समय तक कोई नहीं हरा पाया था। हालांकि, ऋषभ पंत की दमदार पारी की बदौलत भारत ने ऑस्ट्रेलिया के किले को तोड़कर सीरीज 2-1 से जीत ली। पंत ने 89 रनों की नाबाद पारी खेली, जिससे भारत ने 328 रनों का पीछा करते हुए जीत हासिल की और गाबा का घमंड चकनाचूर कर दिया।
अब ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने खुलासा किया है कि कैसे तत्कालीन मुख्य कोच रवि शास्त्री गाबा टेस्ट में ड्रॉ की तलाश में थे, लेकिन पंत और वॉशिंगटन सुंदर के प्रयासों के कारण एक जीत हासिल हुई। स्पोर्ट्स यारी यूट्यूब चैनल पर अश्विन ने कहा, “उनके (ऋषभ पंत) मन को समझना मुश्किल है। वह कुछ भी कर सकता है। वह उन खिलाड़ियों में से एक हैं जो अविश्वसनीय रूप से धन्य हैं। उसके पास इतनी क्षमता है कि कभी-कभी वह सोचता है कि वह हर गेंद पर छक्का मार सकता है। उसे शांत रखना मुश्किल है, पुजारा ने सिडनी टेस्ट के दौरान ऐसा करने की कोशिश की, लेकिन वह वहां शतक लगाने से चूक गए।”
अश्विन ने आगे बताया, “लेकिन इस खेल में क्या हुआ था, रवि भाई ने अंदर से कहा, मैं बाहर बैठा था। वह ड्रॉ चाहते थे, क्योंकि खेल को ड्रा करने का मौका था, लेकिन हम जीत के लिए जा रहे थे। सबकी अपनी-अपनी योजना थी, मैंने अजिंक्य से बाहर से पूछा कि क्या योजना है, क्या हम जीत के लिए जा रहे हैं? उन्होंने मुझसे कहा कि ‘पंत खेल रहे हैं और हम देखेंगे कि क्या होता है’। जिस क्षण वॉशी (वॉशिंगटन सुंदर) ने अंदर जाकर 20 रन बनाए, तब हमारी योजना बदल गई। उनका 20-30 रन का योगदान बेहद अहम था।”
अश्विन पीठ में ऐंठन की वजह से गाबा टेस्ट में नहीं खेले थे। ऑफ स्पिनर ने सिडनी में पिछले टेस्ट में हनुमा विहारी के साथ एक रियरगार्ड एक्शन का नेतृत्व किया था, जिससे भारत को मुकाबला ड्रॉ कराने में मदद मिली। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान मोहम्मद शमी, रविंद्र जडेजा, उमेश यादव, आर अश्विन, जसप्रीत बुमराह सहित कई भारतीय खिलाड़ी चोटिल हो गए थे। पहले दो मैचों में रोहित शर्मा भी उपलब्ध नहीं थे। वहीं, अंतिम टेस्ट में टी नटराजन और वॉशिंगटन सुंदर ने दिखाया कि वे लंबे प्रारूप की पसंद हैं।