बिहार का पत्रकार राजदेव रंजन मर्डर केसः CBI ने जिस गवाह को घोषित कर दिया मृत, कोर्ट पहुंच बोली महिला- हुजूर, मैं जिंदा हूं

सीबीआई ने पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड में पूर्व सांसद मोहम्मद शाहबुद्दीन को भी आरोपी बनाया था। लेकिन पिछले वर्ष शाहबुद्दीन की कोरोना के कारण मृत्यु हो गई थी।
नई दिल्ली
बिहार के चर्चित पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड मामले की महिला गवाह ने कोर्ट पहुंचकर सबको हैरत में डाल दिया। मुजफ्फरपुर की सीबीआई अदालत में शुक्रवार को राजदेव रंजन हत्याकांड मामले की सुनवाई चल रही थी और बादामी देवी इस मामले में गवाह थी। इसी दौरान वो गवाही देने के लिए कोर्ट पहुंच गईं, जिससे लोग हैरान हो गए। कोर्ट पहुंचते ही बादामी देवी ने कहा कि हुजूर, मैं जिन्दा हूं।
बादामी देवी के वकील ने बताया, “बादामी देवी सीबीआई की ओर से ही गवाह बनाई गईं थीं, लेकिन सीबीआई ने ही कोर्ट में वेरिफिकेशन रिपोर्ट में कहा कि बादामी देवी की मृत्यु हो चुकी है। जब बादामी देवी को इसकी जानकारी सिवान के समाचार पत्रों के माध्यम से मिली, तो उन्होंने फैसला किया कि वो कोर्ट में खुद प्रस्तुत होंगी और अपने जिन्दा होने का सबूत देंगी।” वहीं अब सत्र न्यायलय के न्यायाधीश ने सीबीआई को नोटिस दिया कि 20 जून से पहले सीबीआई इस मामले पर अपना जवाब दाखिल करे।
बताया जाता है कि बादामी देवी के मकान पर वीरेंद्र पांडे नाम के व्यक्ति ने कब्जा किया हुआ है, लेकिन वो अभी भी उसी मकान में रह रही हैं। जबकि उनकी गवाही का मुद्दा भी यही था कि कैसे उनकी जमीन और मकान के बदले राजदेव रंजन हत्याकांड में शामिल शूटर के साथ सौदेबाजी की गई। 24 मई को सीबीआई ने कोर्ट में बताया था कि बादामी देवी की मृत्यु हो चुकी है।
वहीं बादामी देवी ने सरकार से न्याय की मांग की है और बताया कि उन्होंने अपने दामाद के साथ मिलकर इस मामले को दर्ज कराया है। उन्होंने बताया कि वो 80 साल से अधिक हैं और वीरेंद्र पांडे के साथ मिलकर सीबीआई ने उनको मृत घोषित कर दिया है।
बता दें कि बिहार के सिवान में 13 मई 2016 को पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या हो गई थी और बाद में मामले को सीबीआई को सौंप दिया गया था। सीबीआई ने पूर्व सांसद और दिवंगत आरजेडी नेता मोहम्मद शाहबुद्दीन को भी इस मामले में दोषी बनाया था। हालांकि पिछले वर्ष कोरोना के दौरान पूर्व सांसद मोहम्मद शाहबुद्दीन का निधन हो गया था। शाहबुद्दीन तिहाड़ जेल में बंद थे।