कोराना काल में बेरोजगारी बढ़ी, 75 फीसदी परिवारों की कमाई घटी : सर्वे में खुलासा

महाराष्ट्र की अन्न अधिकार अभियान संस्था की मुक्ता श्रीवास्तव के अनुसार, महाराष्ट्र के 17 जिलों में गांव, शहर और आदिवासी इलाकों में 1225 लोगों को सवाल बनाकर दिए गए थे जिनके जवाब के आधार पर ये निष्कर्ष निकाला गया है.
कोरोना काल में बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिकों को अपना रोजगार गंवाना पड़ा
मुंबई :
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को गरीब कल्याण सम्मेलन में देश में गरीबों के और सशक्त होने का दावा किया है लेकिन महाराष्ट्र की अन्न अधिकार अभियान की एक सर्वे रिपोर्ट कुछ और ही कहानी कह रही है. महाराष्ट्र के 17 जिलों में Hunger watch-2 नाम से हुए सर्वे की रिपोर्ट बताती है कि कोरोना काल में बेरोजगारी बढ़ी और वेतन कम हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार, 75 फीसदी परिवारों की आय कम हुई है, इनमें से 64 फीसदी लोगों की आय तो घटकर आधी रह गई है. 20 फीसदी को तो वापस नौकरी ही नही मिली है. महाराष्ट्र की अन्न अधिकार अभियान संस्था की मुक्ता श्रीवास्तव के अनुसार, महाराष्ट्र के 17 जिलों में गांव, शहर की बस्ती और आदिवासी इलाकों में 1225 लोगों को सवाल बनाकर दिए गए थे जिनके जवाब के आधार पर ये निष्कर्ष निकाला गया है.
गौरतलब है कि शिमला में आयोजित ‘गरीब कल्याण सम्मेलन’ कार्यक्रम के दौरान पीएम ने कहा था कि 2014 से पहले अखबारोंऔर TV में हेडलाइन बनी रहती थी लूट खसोट की. बात होती थी भ्रष्टाचार की, घोटालों की, योजनाओं के अटके रहने की. लेकिन अब वक्त बदल गया है. अब चर्चा होती है योजनाओं में से मिलने वाले फायदों की और लाभ की.
उन्होंने कहा था कि अब तक डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए 22 लाख करोड़ से ज्यादा सीधे बैंक अकाउंट में लाभार्थियों को ट्रांसफर किए गए हैं. पहले 100 पैसा भेजा जाता था तो 85 पैसा लापता हो जाता था. लेकिन आज जितने पैसे भेजे, पूरे लाभार्थियों के बैंक खाते में भेजे गए. सवा दो लाख करोड़ की लीकेज रुकी है, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए. पहले ये बिचौलियों, दलालों के हाथ जाते थे. 9 करोड़ से ज्यादा फर्जी नाम भी हटाए गए हैं.