Twitter पर मोदी और मुझमें यही फर्क है कि उनके पास हिरेन जोशी जैसे अंधभक्त एम्प्लॉई हैं और मैं खुद ट्वीट करता हूं:सुब्रमण्यम स्वामी

सुब्रमण्यम स्वामी पिछले कुछ सालों से आरोप लगाते रहे हैं कि भाजपा आईटी सेल की तरफ से उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। इससे पहले 2021 में भी स्वामी ने कहा था कि बीजेपी की आईटी सेल फेक आईडी के जरिए उन्हें निशाने पर ले रही है।
नई दिल्ली
अक्सर मोदी सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े करने वाले भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सोशल मीडिया पर अपने खिलाफ होने वाले ट्वीट पर पीएम मोदी को निशाने पर लिया है। उन्होंने लिखा है कि पीएम मोदी के पास अंधभक्त एम्प्लॉई हैं जो पैसे के बदले में मुझे अपशब्द वाले ट्वीट करते हैं, और वहीं मैं अपने ट्वीट खुद करता हूं।
23 मई को पूर्व राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने एक ट्वीट में लिखा, “ट्विटर पर मोदी और मेरे बीच यह अंतर है कि उन्होंने हिरेन जोशी को अंधभक्तों और गंधभक्तों जैसों को पैसे देकर मुझे और मेरे परिवार को सबसे अधिक अपशब्द देने के लिए रखा हुआ है। जबकि मैं खुद ट्वीट करता हूं और खुद को एक दायरे में सीमित रखता हूं। इसे दोनों तरफ से रोकना होगा या फिर इस तरह का सिलसिला जारी रहेगा।”
दरअसल सुब्रमण्यम स्वामी पिछले कुछ सालों से आरोप लगाते रहे हैं कि भाजपा आईटी सेल की तरफ से उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। इससे पहले साल 2021 में भी स्वामी ने कहा था कि बीजेपी की आईटी सेल फेक आईडी के जरिए उन्हें निशाने पर ले रही है। इसकी शिकायत वो पीएम मोदी से भी कर चुके हैं। लेकिन यह सिलसिला चलता रहा। आरोप के मुताबिक ट्विटर पर भाजपा समर्थक उन्हें निशाना बनाते रहते हैं और जवाब में स्वामी भी पलटवार करते हैं।

बता दें कि सुब्रमण्यम स्वामी अक्सर मोदी सरकार की नीतियों को लेकर आलोचना करते रहते हैं। ऐसे में भाजपा आईटी सेल उन्हें अपने निशाने पर लेती रहती है। 20 मई को स्वामी ने भाजपा के शासन में अर्थव्यवस्था और चीन सी
सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा था, “बीजेपी 2024 के इंडिया शाइनिंग वाले हाल की तरफ बढ़ रही है, क्योंकि अर्थव्यवस्था में घोर विफलता है। इसके साथ ही केंद्र यह मानने से इनकार करता रहा है कि चीन ने हमारे क्षेत्र के 4000 वर्ग किमी को हथिया लिया है।” चीन की गतिवधियों को लेकर स्वामी अक्सर मोदी सरकार पर निशाना साधते रहे हैं।
नका कहना है कि केंद्र सरकार इस बात को मानने को तैयार नहीं है कि भारतीय सीमा में कोई आया है। अगर कोई नहीं आया तो भारत और चीन के बीच सैन्य स्तर पर कई दौर की वार्ता क्यों की गई?