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फिर लगा मंहगाई का झटका, घरेलू सिलेंडर मोदी राज में 1000 के पार पहुंचा तो कमर्शियल सिलेंडर के भी बढ़े दाम

रसोई में खाना बनाना एक बार फिर महंगा हो गया है। एक बड़ा मशहूर फिल्मी गीत है, ‘सखी सैंया तो खूब ही कमात है, महंगाई डायन खाए जात है

 

नई दिल्ली।

रसोई में खाना बनाना एक बार फिर महंगा हो गया है। एक बड़ा मशहूर फिल्मी गीत है, ‘सखी सैंया तो खूब ही कमात है, महंगाई डायन खाए जात है।’ इन दिनों लोगों के मन में उस गीत के बोल बार-बार आ रहे होंगे। महंगाई ने लोगों को इस कदर रुला रखा है, जिसका कोई जवाब ही नहीं है।

एक बार फिर एलपीजी सिलेंडर के उपभोक्ताओं को जोर का झटका लगा है। गुरुवार को रसोई गैस की कीमतों में एक बार फिर इजाफा हुआ है। यही नहीं, घरेलू गैस के साथ-साथ कमर्शियल गैस के दाम में भी बढ़ाए गए हैं।

आज यानी 19 मई को घरेलू एलपीजी गैस सिलेंडर के दाम में 3 रुपये 50 पैसे की बढ़ोतरी हुई है। वहीं कमर्शियल गैस सिलेंडर में 8 रुपये का इजाफा किया गया है। रसोई गैर की कीमतों में इजाफे के बाद अब घरेलू सिलेंडर की कीमत देश में लगभग सभी जगहों पर प्रति सिलेंडर 1 हजार रुपए के पार पहुंच गई है।

मार्च 2020 से पहले गैस के दामों में अंतिम बढ़ोतरी छह अक्तूबर 2021 को हुई थी जब सिलेंडर की कीमत 50 रुपये बढ़ाई गई थी.

जनवरी 2021 में घरेलू गैस सिलेंडर की क़ीमत 694 रुपये थे. फ़रवरी 2021 में दाम बढ़े और क़ीमत 769 रुपये हो गई.

भारत में गैस कंपनियां हर महीने सिलेंडर के दाम की समीक्षा करती हैं और ज़रूरत होने पर दाम बढ़ाए जाते हैं.

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