सुपौल कोर्ट ने 3 साल पुराने गैंगरेप और मर्डर मामले में 4 दोषियों को सुनाई फांसी की सज़ा

प्रतापगंज में आठ अक्टूबर, 2019 को तीन टोलिया गांव निवासी परिवार के नौ लोग दुर्गा पूजा का मेला देखने गए थे. जब सभी लोग मेला देख कर लौट रहे थे तो रास्ते में चार अपराधियों ने सुनसान जगह पर उन्हें घेर लिया और हथियार का भय दिखा कर एक किनारे ले गए. यहां अपराधियों ने सभी पुरुषों की आंखों पर पट्टी बांध कर उन्हें पेड़ से बांध दिया. इसके बाद उन्होंने एक महिला और नाबालिग लड़की के साथ बारी-बारी से रेप किया
पुलिस ने पीड़िता के द्वारा अपराधियों के बताए शक्ल और सूरत पर स्केच बनवाया और छापेमारी करते हुए चारों आरोपियों मो. अली शेर, मो. अयूब, मो. जमाल और अनमोल यादव को गिरफ्तार किया था
सुपौल.
बिहार के सुपौल पॉक्सो अदालत ने गैंगरेप और हत्या (Gang Rape And Murder) के मामले के चार दोषियों को फांसी (Death Sentence) की सजा सुनाई है. साथ ही पीड़िता को साढ़े आठ लाख रुपये का प्रतिकर सहित मृतका को 10 लाख का अतिरिक्त प्रतिकर देने का आदेश दिया है. बुधवार को एडीजे 6 पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश पाठक आलोक कौशिक ने यह सुनाई है. बता दें कि प्रतापगंज में आठ अक्टूबर, 2019 को तीन टोलिया गांव निवासी परिवार के नौ लोग दुर्गा पूजा का मेला देखने गए थे. जब सभी लोग मेला देख कर लौट रहे थे तो रास्ते में चार अपराधियों ने सुनसान जगह पर उन्हें घेर लिया और हथियार का भय दिखा कर एक किनारे ले गए. यहां अपराधियों ने सभी पुरुषों की आंखों पर पट्टी बांध कर उन्हें पेड़ से बांध दिया. इसके बाद उन्होंने एक महिला और नाबालिग लड़की के साथ बारी-बारी से रेप (Rape) किया.
इस दौरान एक महिला ने भागने का प्रयास किया तो अपराधियों ने उसे गोली मार दी और घायल अवस्था में ही उसके साथ गैंगरेप किया. चारों दोषियों ने हैवानियत की इंतहा करते हुए पीड़िता के अंदरूनी अंगों तक को काफी नुकसान पहुंचाया. पीड़िता समेत सभी को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया जहां गोली लगने से घायल महिला की मौत हो गयी. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मृतका की आंत, लीवर, शरीर के अंदरूनी अंगों में गंभीर चोट की बात सामने आई थी.
पुलिस ने पीड़िता के द्वारा अपराधियों के बताए शक्ल और सूरत पर स्केच बनवाया और छापेमारी करते हुए चारों आरोपियों मो. अली शेर, मो. अयूब, मो. जमाल और अनमोल यादव को गिरफ्तार किया था. वर्ष 2019 में घटित इस घटना में पॉक्सो कोर्ट मे चली सुनवाई में बचाव पक्ष से वकील नागेंद्र नारायण ठाकुर, संजय सिंह और बच्चन झा शामिल हुए. वहीं, पीड़िता की तरफ विशेष लोक अभियोजक नीलम कुमारी ने कैस की पैरवी की.
न्यायाधीश पाठक आलोक कौशिक ने सभी पीड़िता को प्रतिकर के रूप में साढ़े आठ लाख रुपये, जबकि मृतका के परिजनों को 10 लाख रुपये का प्रतिकर अलग से देने का आदेश भी दिया.