क्राइम

प्रयागराज : 5 लोगों की सामूहिक हत्या मामले में बड़ा खुलासा, महिलाओं से गैंगरेप की हुई पुष्टि

थरवई थाना क्षेत्र के खेवराजपुर गांव में हुए इस जघन्य हत्याकांड के बाद परिवार के बचे एकमात्र पुरुष सदस्य सुनील यादव ने पहले ही अपनी पत्नी और बहन के साथ गैंगरेप की आशंका जताई थी, लेकिन पुलिस उस वक्त रेप से इनकार कर रही थी. पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद भी महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटना से इनकार किया था.

एसएसपी प्रयागराज अजय कुमार के मुताबिक पकड़े गए बदमाशों ने भी गैंगरेप करने की बात कबूल की थी.

प्रयागराज.

उत्तर प्रदेश के संगम नगरी प्रयागराज के गंगा पार इलाके में 23 अप्रैल को थरवई थाना क्षेत्र के खेवराजपुर गांव में एक ही परिवार के 5 लोगों की सामूहिक हत्या किए जाने के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. हत्याकांड में मृत महिलाओं के वैजाइनल स्वाब व वैजाइनल स्लाइड की एफएसएल लैब रिपोर्ट में गैंगरेप की पुष्टि हुई है. इस जघन्य हत्याकांड के बाद परिवार के बचे एकमात्र पुरुष सदस्य सुनील यादव ने पहले ही अपनी पत्नी और बहन के साथ गैंगरेप की आशंका जताई थी, लेकिन पुलिस उस वक्त रेप से इनकार कर रही थी. पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद भी महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटना से इनकार किया था. हालांकि पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने वैजाइनल स्वाब व वैजाइनल स्लाइड जांच के लिए एफएसएल लैब फाफामऊ भेजा था.

एसएसपी प्रयागराज अजय कुमार के मुताबिक पकड़े गए बदमाशों ने भी गैंगरेप करने की बात कबूल की थी. इसके बाद अब एफएसएल लैब फाफामऊ से आई रिपोर्ट में भी महिलाओं के साथ गैंगरेप की पुष्टि हुई है. एसएसपी के मुताबिक जांच रिपोर्ट में मानव स्पर्म पाए गए हैं. एसएसपी के मुताबिक मामले में गैंगरेप की धारा 376डी की बढ़ोतरी की गई है. इसके साथ आईपीसी की धारा 396, 120 बी और 201 लगाई गई है. आगजनी से संबंधित 436 की धारा बढ़ाई गई है.

एसएसपी के मुताबिक जेल में बंद अभियुक्तों के ब्लड सैंपल कोर्ट से अनुमति लेकर लिए जाएंगे. उनके मुताबिक 9 मई को जेल में बंद अभियुक्तों के सैंपल लिए जाएंगे. एसएसपी के मुताबिक वैजाइनल स्लाइड से जो डीएनए डिव्लेप हो रहे हैं. उससे अभियुक्तों के ब्लड सैंपल से तैयार डीएनए का मिलान किया जाएगा. एसएसपी अजय कुमार के मुताबिक इस मामले में ठोस वैज्ञानिक साक्ष्य इकट्ठे की जांच किए जा रहे हैं, ताकि अभियुक्तों को कोर्ट से कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जा सके और पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके.

गौरतलब है कि 23 अप्रैल को थरवई के खेवराजपुर में एक ही परिवार के पांच सदस्यों की हत्या कर दी गई थी. परिवार के मुखिया 55 वर्षीय राजकुमार यादव, उनकी पत्नी 50 वर्षीय कुसुम देवी 25 वर्षीय बेटी मनीषा, 30 वर्षीय बहू सविता और 2 साल की मासूम पोती साक्षी की हत्या कर दी गई थी.

इस सामूहिक नरसंहार के बाद सियासत भी तेज हो गई थी. घटना के दिन ही प्रगति समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल यादव यहां पर पहुंचे थे. अगले दिन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल यहां पहुंचा था और प्रदेश की कानून व्यवस्था पर जमकर हमला बोला था. इसी दिन सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी पूर्व परिवहन मंत्री और सपा विधायक दुर्गा प्रसाद यादव के नेतृत्व में शिष्टमंडल भेज कर यूपी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे.

लिहाजा इस मामले को लेकर पुलिस काफी दबाव में थी. पुलिस ने मामले के खुलासे के लिए 7 टीमों का गठन कर दिया था. शासन स्तर से भी मुख्यमंत्री ने केस को वर्क आउट करने के लिए एसटीएफ को जिम्मेदारी सौंपी थी. प्रयागराज पुलिस ने 4 मई को सामूहिक हत्याकांड का खुलासा कर दिया था. थरवई थाना क्षेत्र के बढ़नपुर गांव के निकट आम के बाग में पुलिस की बदमाशों से मुठभेड़ हो गई थी, जिसके बाद पुलिस ने एक महिला समेत अंतर्राज्यीय गैंग के 7 लोगों को गिरफ्तार किया था.

पुलिस मुठभेड़ में तीन बदमाशों को पैर में गोली लगी थी. तीनों घायलों का एसआरएन अस्पताल में अभी भी इलाज चल रहा है. पुलिस ने खुलासा कर बताया था कि बिहार के खरवार गैंग ने सामूहिक हत्याकांड को अंजाम दिया था. पुलिस ने इस गैंग को गिरफ्तार करने के बाद थरवई के खेवराजपुर और फाफामऊ के गोहरी सामूहिक हत्याकांड का खुलासा किया था.

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