आखिर क्यों गुजरात HC ने कहा कि- शाहरुख खान का टी-शर्ट व गिफ्ट फेंकना लापरवाही नहीं, जानें मामला

Shahrukh Khan: यह मामला शाहरुख खान की फिल्म रईस (Raees) के प्रमोशन से जुड़ा है। जिसमें वह अगस्त क्रांति एक्सप्रेस से मुंबई से दिल्ली की यात्रा के दौरान वडोदरा रेलवे स्टेशन (Vadodara railway station) पर रुके थे।
नई दिल्ली
गुजरात उच्च न्यायालय ने बुधवार को अभिनेता शाहरुख खान के खिलाफ एक आपराधिक शिकायत को खारिज कर दिया। मामला शाहरुख की फिल्म ‘रईस’ के प्रचार के लिए उनकी वड़ोदरा तक की ट्रेन यात्रा के दौरान रेलवे स्टेशन पर भगदड़ मचने से जुड़ा है। बता दें कि ‘रईस’ फिल्म के प्रचार के दौरान हुई इस घटना के संबंध में शाहरुख खान पर कथित तौर पर दूसरों की जान खतरे में डालने वाले कृत्य करने का मामला दर्ज किया गया था।
वडोदरा निवासी जितेंद्र सोलंकी द्वारा फरवरी 2017 में मजिस्ट्रियल कोर्ट में दायर निजी शिकायत के अनुसार, शाहरुख खान ने अपने ट्रेन के कोच से रेलवे स्टेशन पर जमा भीड़ पर स्माइली सॉफ्ट बॉल, टी-शर्ट और काले चश्मे सहित मुफ्त उपहार फेंके, जिसके चलते मची भगदड़ में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। शाहरुख खान अपनी फिल्म रईस का प्रचार कर रहे थे और अगस्त क्रांति एक्सप्रेस से मुंबई से दिल्ली की यात्रा के दौरान वडोदरा रेलवे स्टेशन पर रुके थे।
इस मामले में दूसरों की जान और उनकी व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने के लिए शाहरुख खान पर मामला दर्ज किया गया था। सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति निखिल करील की अदालत ने कहा कि खान के कृत्य को बहुत उच्च स्तर की लापरवाही या लापरवाही का कार्य नहीं कहा जा सकता। इसके बाद उन्होंने शाहरुख की याचिका को स्वीकार कर लिया, जिसमें वडोदरा अदालत द्वारा उनके खिलाफ जारी समन को रद्द करने की मांग की गई थी।
अपने फैसले में, न्यायमूर्ति करियल ने कहा, “शाहरुख खान के द्वारा उठाए गए कदम से भीड़ में कुछ लोग उत्साहित हो सकते हैं, लेकिन ऐसे कामों को बहुत बड़े स्तर की लापरवाही से युक्त नहीं कहा जा सकता है।” शाहरुख खान एक अभिनेता होने के नाते अपनी फिल्म का प्रचार कर रहे थे। मजिस्ट्रियल कोर्ट में पेश की गई जांच रिपोर्ट पर भरोसा करते हुए, न्यायमूर्ति करील ने यह भी कहा कि रेलवे स्टेशन पर हुई घटना के अन्य कारण और परिस्थितियां भी हो सकती हैं।
मामले में अदालत ने दर्ज किया कि इस घटना में शाहरुख खान जिस कोच में सफर कर रहे थे, वह प्लेटफॉर्म की सीढ़ियों के पास जाकर रुका था; वहां जगह कम थी। इसके अलावा शाहरुख से मिलने दो अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी भी आए थे। अदालत ने यह भी कहा कि स्टेशन पर जुटी भारी भीड़ को संभालने के लिए पुलिस ने लाठी चार्ज भी किया था, जिससे अफरातफरी का माहौल बना और भीड़ अनियंत्रित हो गई।
शाहरुख खान की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मिहिर ठाकोर और अधिवक्ता सलिल ठाकोर ने तर्क दिया कि जिन अपराधों के लिए अभिनेता पर आरोप लगाया गया है, वे सही नहीं हैं। एक जांच रिपोर्ट से पता चला है कि ऐसे कई कारण थे, जो अराजकता का कारण बने। खान के अधिवक्ताओं ने बताया कि लोक अभियोजक ने भी कहा कि रिपोर्ट में कोई बात ऐसी सामने नहीं आई, जिसके आधार पर कहा जा सके कि शाहरुख खान किसी दूसरे या अपने जीवन को खतरे में डाल रहे थे।