जिन सड़क हादसों में पीड़ित 100 फीसदी दिव्यांग हो जाए, उनमें उदारता दिखाएं: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस हेमंत गुप्ता और वी सुब्रमण्यम की पीठ ने इस दौरान कहा कि सड़क हादसे में घायल बच्चे को शादी ना होने और इनकम का नुकसान होने के दृष्टिकोण को देखते हुए भी मुआवजा दिया गया है. इस मुआवजे की रकम राज्य सरकार की ओर से तय किए गए मिनिमम वेज पर आधारित है.
नई दिल्ली
. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सड़क हादसों में घायल होने वाले लोगों को मुआवजा दिए जाने को लेकर मंगलवार को अहम टिप्पणी की है. सर्वोच्च न्यायालय ने एक मामले में कहा है कि अगर सड़क हादसे (Road Accident) में घायल हुआ पीड़ित 100 फीसदी दिव्यांग हो जाता है या मानसिक रूप से बीमार हो गया हो तो ऐसे मामलों में कोर्ट को उदार रवैया अपनाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के ऐसे ही एक मामले में मंगलवार को एक बच्चे को 50 लाख रुपये मुआवजा दिए जाने की घोषणा की. इसके साथ ही उसे हर साल के हिसाब से 7.5 फीसदी ब्याज भी देने को कहा. बच्चा 12 साल पहले सड़क हादसे में घायल हुआ था. ऐसे में उसकी मुआवजे की रकम करीब 1 करोड़ रुपये हो गई है.
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस हेमंत गुप्ता और वी सुब्रमण्यम की पीठ ने इस दौरान कहा कि सड़क हादसे में घायल बच्चे को शादी ना होने और इनकम का नुकसान होने के दृष्टिकोण को देखते हुए भी मुआवजा दिया गया है. इस मुआवजे की रकम राज्य सरकार की ओर से तय किए गए मिनिमम वेज पर आधारित है.
जिस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी की है, उसमें 2010 में यह बच्चा सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हुआ था. तब उसकी उम्र 5 साल थी. सड़क हादसा इतना गंभीर था कि उसके दोनों पैर बेकार हो गए हैं. वह पैरों पर खड़ा नहीं हो पाता और इसके साथ कुछ अन्य शारीरिक परेशानियों से भी वह जूझ रहा है. वह बिस्तर पर ही दूसरों के सहारे जीवन गुजार रहा है.
इससे पहले कर्नाटक हाईकोर्ट ने इस बच्चे को 13.46 लाख रुपये मुआवजा घोषित किया था. लेकिन इसमें शादी और इनकम संबंधी मुआवजा नहीं शामिल था. अब सुप्रीम कोर्ट ने बच्चे का यह मुआवजा तीन गुना बढ़ा दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने उसे 49.93 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है. इसमें 11.18 लाख रुपये इनकम संबंधी और 3 लाख रुपये शादी ना हो पाने पर दी गई रकम शामिल है.
सुप्रीम कोर्ट ने मुआवजे की रकम कर्नाटक सरकार की ओर से 2010 में मजदूरों के लिए तय किए गए मिनिमम वेज के आधार पर तय की है. इसके अनुसार 3700 रुपये प्रति महीने के साथ भविष्य के लिए 40 फीसदी शामिल है. ऐसे में मुआवजा राशि 5180 रुपये प्रति महीने होती है. सुप्रीम कोर्ट ने मुआवजा राशि से 10 लाख रुपये उसके पिता को भी देने को कहा है.