शिवगिरि केवल आस्था का केंद्र ही नहीं, ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना का जाग्रत प्रतिष्ठान भी हैः पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को शिवगिरि तीर्थयात्रा की 90वीं वर्षगांठ और ब्रह्म विद्यालय की स्वर्ण जयंती के वर्ष भर चलने वाले संयुक्त समारोह के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए. शिवगिरि तीर्थयात्रा और ब्रह्म विद्यालय दोनों महान समाज सुधारक श्रीनारायण गुरु के संरक्षण और मार्गदर्शन में शुरू हुए थे. पीएम मोदी ने इस मौके पर कहा कि श्री नारायण गुरु ने आधुनिकता की बात की लेकिन साथ ही उन्होंने भारतीय संस्कृति और मूल्यों को समृद्ध भी किया.
पीएम मोदी ने महान समाज सुधारक श्रीनारायण गुरु के संदेशों का पालन करने का आह्वान किया.
नई दिल्लीः
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को शिवगिरि तीर्थयात्रा की 90वीं वर्षगांठ और ब्रह्म विद्यालय की स्वर्ण जयंती के वर्ष भर चलने वाले संयुक्त समारोह के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए. उन्होंने साल भर चलने वाले संयुक्त समारोहों का लोगो भी लॉन्च किया. इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि वाराणसी में शिव की नगरी हो या वरकला में शिवगिरि, भारत की ऊर्जा का हर केंद्र हम सभी भारतीयों के जीवन में विशेष स्थान रखता है. ये स्थान केवल तीर्थ भर नहीं हैं, ये आस्था के केंद्र भर नहीं हैं, ये ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना के जाग्रत प्रतिष्ठान हैं.
राजधानी दिल्ली में 7 लोक कल्याण मार्ग स्थित अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस समारोह में हिस्सा लेते हुए पीएम ने कहा कि श्री नारायण गुरु ने आधुनिकता की बात की लेकिन साथ ही उन्होंने भारतीय संस्कृति और मूल्यों को समृद्ध भी किया. उन्होंने शिक्षा और विज्ञान की बात की लेकिन साथ ही धर्म और आस्था की हमारी हजारों साल पुरानी परंपरा का गौरव बढ़ाने में भी कभी पीछे नहीं रहे.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश इस समय अपनी आज़ादी के 75 साल का अमृत महोत्सव मना रहा है. ऐसे समय में हमें ये भी याद रखना चाहिए कि हमारा स्वतन्त्रता संग्राम केवल विरोध प्रदर्शन और राजनैतिक रणनीतियों तक ही सीमित नहीं था. ये गुलामी की बेड़ियों को तोड़ने की लड़ाई तो थी ही लेकिन इसके साथ ही एक आज़ाद देश के रूप में हम कैसे होंगे, इसका विचार भी था, क्योंकि हम किस चीज के खिलाफ हैं, केवल यही महत्वपूर्ण नहीं होता. हम किस सोच के, किस विचार के लिए एक साथ हैं, ये कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण होता है.
पीएम मोदी ने कहा कि तीर्थदानम् की 90 सालों की यात्रा और ब्रह्म विद्यालय की गोल्डन जुबली, ये केवल एक संस्था की यात्रा नहीं है. ये भारत के उस विचार की भी अमर यात्रा है, जो अलग-अलग कालखंड में अलग-अलग माध्यमों के जरिए आगे बढ़ता रहता है. आज से 25 साल बाद देश अपनी आज़ादी के 100 साल मनाएगा, और 10 साल बाद हम तीर्थदानम् के 100 सालों की यात्रा का उत्सव मनाएंगे. इन 100 सालों की यात्रा में हमारी उपलब्धियां वैश्विक होनी चाहिए, और इसके लिए हमारा विज़न भी वैश्विक होना चाहिए.
बता दें कि शिवगिरि तीर्थयात्रा और ब्रह्म विद्यालय दोनों महान समाज सुधारक श्रीनारायण गुरु के संरक्षण और मार्गदर्शन में शुरू हुए थे. शिवगिरी तीर्थ यात्रा हर साल 30 दिसंबर से 1 जनवरी के बीच तीन दिनों तक तिरुवनंतपुरम के शिवगिरी में आयोजित की जाती है. 1933 में कुछ भक्तों द्वारा यह तीर्थयात्रा शुरू की गई थी, लेकिन अब यह दक्षिण भारत के प्रमुख आयोजनों में से एक बन चुकी है. हर साल दुनिया भर से लाखों भक्त जाति, पंथ, धर्म और भाषा से ऊपर उठकर इस तीर्थयात्रा में हिस्सा लेने के लिए शिवगिरी जाते हैं.
पीआईबी की ओर से बताया गया कि यह तीर्थयात्रा शिक्षा, स्वच्छता, धर्मपरायणता, हस्तशिल्प, व्यापार और वाणिज्य, कृषि, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और संगठित प्रयास जैसे आठ विषयों पर केंद्रित है. श्री नारायण गुरु के अनुसार, इस तीर्थयात्रा का उद्देश्य लोगों के बीच ज्ञान का प्रसार और उनके समग्र विकास व समृद्धि में मदद करना है. श्री नारायण गुरु ने सभी धर्मों के सिद्धांतों को समान रूप से सिखाने की कल्पना की थी. इस दृष्टि को साकार करने के लिए ही शिवगिरी में ब्रह्म विद्यालय की स्थापना हुई. ब्रह्म विद्यालय श्री नारायण गुरु के कार्यों और दुनिया के सभी महत्वपूर्ण धर्मों के ग्रंथों सहित भारतीय दर्शन पर 7 साल का पाठ्यक्रम उपलब्ध कराता है.
इससे पहले पीएम मोदी ने सोमवार को अपनी कुछ पुरानी तस्वीरें शेयर करते हुए ट्विटर पर लिखा था, ‘भारत को शिवगिरी मठ के विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान पर बहुत गर्व है. शिवगिरी मठ ने श्री नारायण गुरु की शिक्षाओं को लोकप्रिय बनाया है और स्वास्थ्य, शिक्षा और सेवा में महान कार्य किया है. मैं 2013 और 2015 में मठ की अपनी यात्राओं को याद करता हूं.’