हिंसाग्रस्त जहांगीरपुरी में SC के आदेश के बावजूद चल रहे बुलडोज़र, डिमॉलिशन अभियान जारी

हिंसा के बाद सामान्य होते हालात के बीच आज उत्तरी दिल्ली नगर निगम (NDMC) की तरफ से जहांगीरपुरी में अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जाने वाला था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी है. इसके बावजूद जहांगीरपुरी में बुलडोज़र चल रहे हैं.
नई दिल्ली : हिंसा के बाद सामान्य होते हालात के बीच आज उत्तरी दिल्ली नगर निगम (NDMC) की तरफ से जहांगीरपुरी में अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जाने वाला था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी है. इसके बावजूद जहांगीरपुरी में बुलडोज़र चल रहे हैं. तोड़फोड़ शुरू हो गई है. एनडीएमसी के मेयर राजा इकबाल सिंह ने कहा है कि उन्हें अभी तक कोई ऑर्डर नहीं मिला है. उत्तरी दिल्ली नगर निगम के कमिश्नर संजय गोयल ने कहा है कि हमें जहांगीरपुरी इलाके में अतिक्रमण विरोधी अभियान पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बारे में पता चला है.पहले आदेश पढ़ेंगे फिर उसके अनुसार कार्रवाई करेंगे.
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
- दिल्ली प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा है कि दंगाइयों ने शांतिपूर्ण चल रहे यात्रा पर पथराव किया, दिल्ली पुलिस पर गोली भी चलाई. दंगाइयों पर दिल्ली पुलिस ने तुरंत कारवाई की है. निगम के मेयर और कमिश्नर को पत्र लिखा था कि वहां अवैध निर्माण और कब्जे पर कारवाई होनी चाहिए. वहां आम आदमी पार्टी के विधायक और पार्षद हैं जिनका संरक्षण दंगाइयों को है. आप के कार्यकर्ता ही दंगाई और वही पकड़े गए हैं.
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आदेश गुप्ता ने कहा है कि निगम को त्वरित कारवाई के लिए बधाई. आज ये कारवाई चालू है. उन्होंने कहा कि आप झूठ बोलने में माहिर है. संगीता बजाज आप में शामिल है. अंसार भी आप का कार्यकर्ता है. पुलिस की जांच में सब साफ होगा. उन्होंने कहा कि जहांगीरपुरी ही नहीं, आने वाले वक्त में दिल्ली के इलाकों से अवैध कब्जा हटाना है. खासकर जहां अवैध धंधे, नशाखोरी होती है, जहां बांग्लादेशी रोहिंग्या को केजरीवाल सरकार ने पानी, बिजली, राशन फ्री देकर सरपरस्ती दिया हुआ है. वहां कारवाई जरूरी है. ऑर्डर मिला नहीं मिला, इसका जवाब वहां मौजूद निगम के कर्मचारी ही दे पाएंगे
- बुलडोजर मामले में याचिकाकर्ताओं की ओर से सीनियर एडवोकेट दुष्यंत दवे ने स्थानीय निकाय के इस कदम को असंवैधानिक, अनैतिक और गैर कानूनी व मनमाना बताते हुए इसे रोकने और पीड़ित पक्ष की सुनने की गुहार लगाई. दवे ने कहा कि कम से कम दस दिन पहले नोटिस दिया जाना चाहिए था. अचानक आदेश देकर चौबीस घंटे से भी कम समय में ये कार्रवाई अमानवीय और अनुचित है.
- देश भर में कई राज्यों में चलाए जा रहे बुलडोजर की कार्रवाई को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर शीघ्र सुनवाई के लिए सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने चीफ जस्टिस की कोर्ट में मेंशन किया. अब कोर्ट दोनों मामलों पर गुरुवार को सुनवाई करेगा.
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उत्तरी दिल्ली नगर निगम की तरफ से जहांगीरपुरी में अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जाने वाला था. यह अभियान 2 दिन तक चलने वाला था. इसे लेकर निगम की तरफ से दिल्ली पुलिस को पत्र लिखा गया था.
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दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने भी मेयर को पत्र लिखकर जहांगीरपुरी में ‘दंगाइयों’ के अवैध निर्माणों की पहचान कर उन्हें गिराने की मांग की थी. पत्र की प्रति नगर निकाय के आयुक्त को भी भेजी गई है.
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एनडीएमसी ने दो दिवसीय इस अभियान के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए मंगलवार को दिल्ली पुलिस से कम से कम 400 सुरक्षाकर्मी उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था.
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गौरतलब है कि उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के जहांगीरपुरी में शनिवार को हनुमान जयंती के जुलूस के दौरान दो समुदायों के बीच पथराव, आगजनी और गोलीबारी की घटनाएं हुई थीं. हिंसा में आठ पुलिसकर्मियों के अलावा एक स्थानीय नागरिक घायल हो गया था.
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वहीं दक्षिणपंथी समूहों की तरफ से कहा गया है कि झड़प के लिए दूसरे पक्ष की तरफ से पहले से योजना बनायी गयी थी. विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के नेता प्रेम शर्मा ने दिल्ली पुलिस द्वारा हुए पूछताछ के बाद आरोप लगाया था कि हिंसा की योजना दूसरे समुदाय की तरफ से बनाई गई थी और इसीलिए मस्जिद की छत पर इतनी ईंटें जमा की गईं थी.
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हिंसा को लेकर पुलिस की तरफ से कहा गया है कि हनुमान जयंती के दिन उस वक्त दो समुदायों के बीच झड़प हो गयी थी जब “शोभायात्रा” मस्जिद के पास से गुजर रही थी. “शोभायात्रा” में धार्मिक संगीत बज रहा था, उसी समय मस्जिद से अजान का भी समय था. पहले दोनों पक्षों में बहस हुई थी बाद में पथराव की शुरुआत हो गयी थी. दोनों ही पक्षों की तरफ से एक दूसरे पर आरोप लगाए जा रहे हैं. इलाके के मुसलमानों ने दावा किया है कि जुलूस में शामिल लोगों ने हथियार लेकर मस्जिद में तोड़फोड़ करने की कोशिश की.