नरेंद्र मोदी आत्मनिर्भर भारत बनाना चाहते हैं या फिर चीन-निर्भर भारत?- ब्रह्मा चेलानी ने उठाया सवाल

नई दिल्लीः
चेलानी का कहना था कि हाल ही में सरकार ने 1.79 अरब डॉलर के इन्वेस्टमेंट प्रपोजल मंजूर किए हैं। सरकार ने ये बात सार्वजनिक नहीं की कि ये सारे प्रस्ताव चीन के हैं।
चीन को लेकर भारत सरकार की नीति पर विपक्ष जमकर सवाल उठाता रहा है। लेकिन अब ब्रह्म चेलानी जैसे दिग्गज ने सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। चेलानी ने अपनी ट्विटर पोस्ट में लिखा कि सीमा पर चीन की मनमानी के बाद मोदी सरकार को उसके खिलाफ सख्त कदम उठाने चाहिए थे। लेकिन सरकार केवल चीन को खुश करने का काम कर रही है।
चेलानी का कहना था कि हाल ही में सरकार ने 1.79 अरब डॉलर के इन्वेस्टमेंट प्रपोजल मंजूर किए हैं। ये उन पड़ोसी देशों के हैं जो भारत में निवेश करने के इच्छुक हैं। लेकिन सरकार ने ये बात सार्वजनिक नहीं की कि ये सारे प्रस्ताव जो मंजूर हुए वो चीन के हैं। एक तरफ चीन हमें लगातार आंखें दिखाता आ रहा है, वहीं चीन से आ रहे सरकार बेवजह के साजोसामान की आमद को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है।
सोशल मीडिया पर लोगों ने बीजेपी और मोदी सरकार पर जमकर सवाल दागे। इंडिया फर्स्ट के हैंडल से ट्वीट किया गया कि समस्या ये है कि भक्त अब कहने लग जाएंगे कि चेलानी बीजेपी या हिंदू विरोधी है। ये भजन मंडली देश को गर्त बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। एक का कहना था कि चीन खुद को मजबूत बनाने के लिए पॉलिसी बनाता है। जबकि भारत की सरकार अपनी इमेज की खातिर बैसिरपैर की स्कीमों पर अमल करती है। गोदी मीडिया उन्हें कवरेज देता है।
ध्यान रहे कि चीन के सैनिकों के साथ भारतीय सेना की पेंगोंग लेक इलाके में हिंसक झड़प हुई थी। उसके बाद के दौर में सरकार ने चीन के कई ऐप के साथ कुछ सामान पर रोक लगाने का ऐलान भी किया था। हालांकि बाद में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में हुई। सहमति के बाद फरवरी 2021 में डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया शुरू की गई।
ई दौर की बातचीत के बाद दोनों पक्षों ने पैंगोंग लेक के उत्तर और दक्षिणी तटों और गोगरा क्षेत्र से सैनिकों को पूरी तरह से हटा लिया। लेकिन इन सबके बीच सरकार की नीति और नीयत पर कई सवाल खड़े हुए। खुद बीजेपी के सांसद सुब्रमण्यम स्वामी चीन के मामले में पीएम मोदी पर सवालिया निशान लगा चुके हैं।