सत्ता से बेदखल इमरान खान, देर रात अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से पूर्व नेशनल असेंबली के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का इस्तीफा

इमरान की सरकार गिरने के साथ ही पाकिस्तानी अटार्नी जनरल का इस्तीफा। इस्लामाबाद में अचानक सेना की गाड़ियां दाखिल। तमाम हवाई अड्डों को अलर्ट किया गया। बगैर अनुमति किसी को भी देश छोड़कर जाने पर रोक।
इस्लामाबाद
पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार रविवार को तड़के (शनिवार देर रात) गिर गई। पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित कर दिया गया। प्रस्ताव के पक्ष में 174 मत पड़े। मतदान के दौरान इमरान खान और उनकी पार्टी का कोई भी सांसद सदन में मौजूद नहीं था। नेशनल असेंबली की कार्यवाही के बीच में ही इमरान खान ने प्रधानमंत्री आवास को खाली कर दिया और देर रात बनीगाला स्थित अपने निजी आवास चले गए। नेशनल असेंबली का अगला सत्र रविवार दोपहर दो बजे बुलाया गया, जिसमें नए नेता का चुनाव किया जाए। पीएमएल-एन के सांसद शाहबाज शरीफ को नया प्रधानमंत्री चुने जाने की संभावना जताई जा रही है। वे पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के छोटे भाई हैं।
शनिवार-रविवार की दरम्यानी रात 11:45 बजे (पाकिस्तानी समयानुसार) वहां की नेशनल असेंबली में इमरान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान की प्रक्रिया शुरू की गई। नेशनल असेंबली की कार्यवाही शुरू होते ही अध्यक्ष (स्पीकर) असद कैसर ने अपनी सीट से इस्तीफा देने का एलान किया।
उन्होंने इमरान खान के द्वारा बताए गए अमेरिकी राजनयिक के कथित पत्र को लहराते हुए सदन के पटल पर रखा और कहा कि इस पत्र को सुप्रीम कोर्ट में पेश किया जाना चाहिए। उन्होंने इमरान खान के साथ अपने 26 साल पुराने संबंधों का हवाला देते हुए पद छोड़ने का एलान किया और अयाज सादिक को स्पीकर का कार्यभार सौंपा। सादिक पीएमएल-एन के सांसद हैं।
पाकिस्तान में इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान को लेकर शुक्रवार देर रात तक गतिरोध जारी रहा। घटनाक्रम लगातार बदलता रहा। वहां की नेशनल असेंबली के स्पीकर असद कैसर ने इमरान खान के साथ अपने संबंधों का हवाला देते हुए पहले तो मतदान कराने से इनकार कर दिया। बाद में नेशनल असेंबली के सचिव की ओर से लिखित में मतदान कराने का सुझाव दिया गया। देर रात कैसर ने कहा कि मतदान कराने के लिए वे तैयार हैं।
दूसरी ओर, सुप्रीम कोर्ट की विशेष पीठ ने रात 12 बजे सुनवाई का समय मुकर्रर कर दिया। अदालत ने अपने आदेश की नाफरमानी को देखते हुए कार्यवाही की। इस बीच सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा और आइएसआइ प्रमुख नदीम अंजुम इमरान खान से मिलने पहुंचे। इमरान ने देर रात अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगियों की बैठक बुलाई।
पाकिस्तान समाचार चैनल जियो न्यूज के मुताबिक, रात आठ बजे असेंबली की बैठक शुरू होने पर स्पीकर असद कैसर ने विपक्षी नेताओं से दो टूक कह दिया कि वो इमरान के खिलाफ मतदान नहीं कराएंगे, क्योंकि उनकी खान से 30 साल पुरानी दोस्ती है और वो इमरान को इस तरह रुसवा होते नहीं देख सकते। इसके बाद असेंबली के सचिव उनसे मिलने पहुंचे और लिखित प्रतिवेदन सौंपा।
शनिवार को पाकिस्तान में सियासी नाटक दिन भर जारी रहा। आठ बजे के बाद घटनाक्रम में तेजी से बदलाव आया। इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के लिए नेशनल असेंबली के अहम सत्र की कार्यवाही शनिवार को इफ्तार के पश्चात शुरू होने के तुरंत बाद रात साढ़े नौ बजे तक के लिए फिर स्थगित कर दी गई। नेशनल असेंबली ने इफ्तार के लिए अपनी कार्यवाही शाम 7:30 बजे (भारतीय समयानुसार रात 8:00 बजे) तक के लिए स्थगित कर दी थी। सत्र दोबारा शुरू होने के बाद इसे फिर स्थगित कर दिया गया।
प्रधानमंत्री खान के भाग्य का फैसला करने के लिए नेशनल असेंबली का सत्र शनिवार सुबह शुरू हुआ था। हालांकि, कुछ ही समय बाद स्पीकर असद कैसर ने सत्र को तब स्थगित करने का फैसला किया जब नेशनल असेंबली में नेता विपक्ष शहबाज शरीफ ने व्यवस्था का मुद्दा उठाया और स्पीकर को याद दिलाया कि वह शीर्ष अदालत के आदेश के अनुरूप आगे बढ़ने के लिए बाध्य हैं। शरीफ के भाषण के दौरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के सांसद लगातार व्यवधान उत्पन्न करते रहे।
2018 में प्रधान मंत्री के रूप में चुने गए इमरान खान को बड़े पैमाने पर आर्थिक कुप्रबंधन के आरोपों पर अविश्वास मत का सामना करना पड़ा। किसी भी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने अपने कार्यकाल में पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं किया है।
इस बीच, इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में एक समीक्षा याचिका दायर कर प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने के डिप्टी स्पीकर के फैसले को असंवैधानिक घोषित करने के अपने फैसले को चुनौती दी। . बाबर अवान और अजहर सिद्दीकी के माध्यम से दायर की गई समीक्षा याचिका में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी), पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन), सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन, सिंध हाई कोर्ट बार एसोसिएशन और सिंध बार काउंसिल को प्रतिवादी के रूप में नामित किया गया है।
इमरान खान ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकार कर लिया और अपने समर्थकों से रविवार को सत्ता में आने पर देश भर में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने का आग्रह किया। अविश्वास प्रस्ताव की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम एक संबोधन में उन्होंने कहा कि उनके पास हराने की बहुत कम संभावना है, 69 वर्षीय खान ने भारत के उदाहरण को एक “स्वाभिमानी राष्ट्र” (खुद्दर कौम) के रूप में उद्धृत किया, जिसे कोई भी विश्व शक्ति शर्तों को निर्धारित नहीं कर सकती है।