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त्रिपुरा सांप्रदायिक हिंसा मामला: सुप्रीम कोर्ट से ट्वीट करने वाले पत्रकार को मिली राहत

त्रिपुरा में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बारे में ट्वीट करने वाले पत्रकार समीउल्लाह शब्बीर खान को सुप्रीम कोर्ट ने राहत दी है. उच्चतम न्यायालय ने त्रिपुरा पुलिस के पत्रकार के खिलाफ कार्रवाई करने पर रोक लगाई है.

पत्रकार समीउल्लाह शब्बीर खान को सुप्रीम कोर्ट ने राहत दी है.

नई दिल्ली: 

त्रिपुरा में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बारे में ट्वीट करने वाले पत्रकार समीउल्लाह शब्बीर खान को सुप्रीम कोर्ट ने राहत दी है. उच्चतम न्यायालय ने त्रिपुरा पुलिस के पत्रकार के खिलाफ कार्रवाई करने पर रोक लगाई है. पत्रकार खान पर UAPA सहित कई धाराओं के तहत FIR दर्ज है. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एएस बोपन्ना की बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए अंतरिम संरक्षण दिया. खान ने त्रिपुरा सांप्रदायिक हिंसा पर ट्वीट किया था और अपने ट्वीट में राज्य पुलिस को टैग किया था. इस मामले में जांच के लिए पुलिस ने उपयोगकर्ता पंजीकरण, ब्राउजिंग लॉग, ईमेल, आईपी और मोबाइल नंबर मांगने के साथ साथ कुछ सामग्री को हटाने और ट्विटर अकाउंट की सामग्री के संरक्षण की भी मांग की थी.

इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने त्रिपुरा सांप्रदायिक हिंसा के दौरान रिपोर्टिंग कर रहे तीन पत्रकारों पर दर्ज एफआईआर पर कार्यवाही करने से रोक लगाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पत्रकार समृद्धि सकुनिया, स्वर्णा झा और एसोसिएट एडिटर आरती घरगी को उनकी दायर की गई याचिका पर राहत दी थी.

इन मामलों में भी त्रिपुरा पुलिस ने एफआईआर दर्ज करते हुए आरोप लगाया था कि पत्रकारों की खबरों ने समुदायों के बीच दुश्मनी का बढ़ावा दिया. इन पत्रकारों ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई याचिका में लिखा था कि उनके खिलाफ की गई एफआईआर प्रेस को प्रताड़ित करने के समान है.

 

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