राष्ट्रपति के नाम पत्र:नागरिकों के समस्त संवैधानिक अधिकारों का व्यापक स्तर पर हनन हो रहा है.:नंदकुमार बघेल

=छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नंदकुमार बघेल ने इच्छामृत्यु की मांग की है. नंदकुमार बघेल ने इच्छामृत्यु के लिए राष्ट्रपति को पत्र भी लिखा है. पत्र के माध्यम से उन्होंने राष्ट्रपति से कहा है कि इच्छामृत्यु के अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं बचा है. इसलिए उन्हें इच्छामृत्यु की अनुमति दी जाए. नंदकुमार ने राष्ट्रीय मतदाता जागृत मंच के लेटर पैड पर राष्ट्रपति को पत्र लिख इच्छामृत्यु की मांग की है. इच्छामृत्यु के पीछे उन्होंने राजनीतिक कारण बताए हैं. नंद कुमार बघेल राष्ट्रीय मतदाता जागृत मंच के अध्यक्ष हैं.
=नंदकुमार बघेल ने राष्ट्रपति के नाम अपने पत्र में लिखा है- आपको अत्यन्त दुख के साथ अवगत कराना पड़ रहा है कि नागरिकों के समस्त संवैधानिक अधिकारों का व्यापक स्तर पर हनन हो रहा है. लोकतंत्र के तीनों स्तंभ विधायिका, न्यायपालिका और कार्यपालिका ध्वस्त होती जा रही है. नागरिकों के अधिकारों की कोई सुनने वाला नहीं है. जनप्रतिनिधियों को मतदाता अपनी हर समस्या के लिए चुनते हैं, उनकी आवाज भी निरन्तर दबती जा रही है.
=विधायिका देश के समस्त सरकारी विभागों और उपक्रमों को चहेतों को बेच रही है. कार्यपालिका भ्रष्टाचार में संलिप्त होकर अपनी आनेवाली संतानों के लिए अधिक से अधिक धन इकट्ठा कर भविष्य सुरक्षित करने में लगी है.इसलिए इच्छामृत्यु के अलावा कोई विकल्प नहीं:मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नंदकुमार बघेल
रायपुर.
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नंदकुमार बघेल ने इच्छामृत्यु की मांग की है. इसके लिए उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र भी लिखा है. पत्र में उन्होंने कहा है कि इच्छामृत्यु के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है. मुख्यमंत्री के पिता नंदकुमार ने राष्ट्रीय मतदाता जागृत मंच के लेटर पैड पर राष्ट्रपति को पत्र लिख इच्छामृत्यु की मांग की है. इच्छामृत्यु के पीछे उन्होंने राजनीतिक कारण बताए हैं. नंद कुमार बघेल राष्ट्रीय मतदाता जागृत मंच के अध्यक्ष हैं. अध्यक्ष हाेने के नाते ही उन्होंने चिट्टी लिखी है. सीएम के पिता द्वारा राष्ट्रपति से इच्छामृत्यु की मांग से सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है. उनके द्वारा राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखने की चर्चा हर ओर हो रही है.
नंदकुमार बघेल ने राष्ट्रपति के नाम अपने पत्र में लिखा है- आपको अत्यन्त दुख के साथ अवगत कराना पड़ रहा है कि नागरिकों के समस्त संवैधानिक अधिकारों का व्यापक स्तर पर हनन हो रहा है. लोकतंत्र के तीनों स्तंभ विधायिका, न्यायपालिका और कार्यपालिका ध्वस्त होती जा रही है. नागरिकों के अधिकारों की कोई सुनने वाला नहीं है. जनप्रतिनिधियों को मतदाता अपनी हर समस्या के लिए चुनते हैं, उनकी आवाज भी निरन्तर दबती जा रही है. विधायिका देश के समस्त सरकारी विभागों और उपक्रमों को चहेतों को बेच रही है. कार्यपालिका भ्रष्टाचार में संलिप्त होकर अपनी आनेवाली संतानों के लिए अधिक से अधिक धन इकट्ठा कर भविष्य सुरक्षित करने में लगी है.
बैलेट पेपर से चुनाव की मांग
नंदकुमार बघेल ने पत्र में लिखा गया है कि सरकारी आकड़ों के अनुसार 700 से ज्यादा किसानों की गलत नीतियों के कारण मौत या हत्या हुई है. इसे समझना होगा. इसकी जिम्मेदारी किस पर रखी जायेगी. लोकतंत्र के सबसे बड़े अधिकार मतदान के अधिकार को ईवीएम मशीन से कराया जा रहा है. ईवीएम मशीन को किसी राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त संस्था या सरकार ने 100 प्रतिशत शुद्धता से काम करने का प्रमाण पत्र नहीं दिया है. किसी भी मशीन को उपयोग में लाने से पूर्व मान्यता प्राप्त तकनीकी संस्था या सरकार द्वारा मशीन की शुद्धता से काम करने का प्रमाण पत्र प्राप्त करना अनिवार्य है. उन्होंने ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से मतदान कराने की मांग की है.
इच्छामृत्यु के अलावा कोई विकल्प नहीं
सीएम के पिता नंदकुमार कुमार बघेल ने पत्र में लिखा- ऐसी परिस्थितियों में जब मेरे समस्त अधिकारों का हनन हो रहा है तो मेरे जीने का उद्देश्य ही समाप्त होता जा रहा है. माननीय राष्ट्रपति जी आपने संविधान की रक्षा की शपथ ली है. लेकिन मेरे संवैधानिक अधिकारों की रक्षा नहीं हो पा रही है. जिसके चलते मेरे पास इच्छामृत्यु के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा. इसलिए माननीय महोदय से स्वस्थ लोकतंत्र के व्यापक हित में अनुरोध है कि आप देश में लोगों का, लोगों द्वारा, लोगों के लिए, शासन (लोकतंत्र) के लिए पारदर्शी तरीके से मतदान ईवीएम की जगह पर मतपत्र एवं मतदान पेटी से कराने का आदेश जारी करने की कृपा करें. ईवीएम से मतदान कराकर सरकारें सरकारी संपत्तियों को बेचकर देश में गरीबी और बेरोजगारी को बढ़ाने का पाप कर रही है. उस पाप का मैं भागीदार नहीं बनना चाहता. देश का संविधान और लोकतंत्र दोनों खतरे में है. अगर ईवीएम के स्थान पर मतपत्र और मतपेटी से मतदान संभव नहीं है तो मुझे 25 जनवरी, 2022 को राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर इच्छामृत्यु करने की अनुमति प्रदान करने की कृपा करें.