RTI में खुलासा: भिवानी के 56 में से 50 अस्पतालों के पास नहीं है फायर NOC

हैरानी की बात है कि भिवानी के 56 में से 50 अस्पतालों में फ़ायर ब्रिगेड की एनओसी ही नहीं है. यानि किसी अस्पताल में आगज़नी हो जाए तो फिर सब भगवान भरोसे.
भिवानी.
एक तरफ़ सरकार अस्पतालों (Hospitals) में स्वास्थ्य सुरक्षा के बड़े-बड़े दावे करती है. स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर निजी अस्पतालों में मोटी रक़म वसूली जाती है. अस्पतालों में सुरक्षा के दावों की पोल खोलने वाली एक रिपोर्ट सामने आई है. एक आरटीआई (RTI) आवेदन के जवाब में चौंकाने वाले ख़ुलासे हुए हैं. यह रहस्योद्घाटन हैरान और परेशान करने वाला है. आप सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि जब कोई इंसान जान बचाने अस्पताल की तरफ़ भागता है, लेकिन वहां भी खतरा बरक़रार है. यहां भी कोई ज़िम्मेवारी नहीं की कब क्या घटित हो जाए.
ऐसा हम नहीं, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य व सहयोग संगठन के प्रदेश अधयक्ष एडवोकेट बृजपाल परमार द्वारा आरटीआई के तहत दाखिल अर्जी पर दिया गया जवाब कह रहा है. भिवानी के सरकारी हो या प्राइवेट किसी भी अस्पताल में आगज़नी से बचाव का कोई सिस्टम नहीं है. एडवोकेट बृजपाल को मिले जवाब के मुताबिक़ शहर में सरकारी और निजी मिलकार कुल 56 अस्पताल हैं. इनमें से महज 6 अस्पतालों के पास फ़ायर ब्रिगेड की एनओसी है. यानि केवल 6 अस्पतालों के पास आग बुझाने के अपडेटेड सिस्टम हैं.
बृजपाल ने बताया कि न केवल निजी, बल्कि शहर के चौधरी बंसीलाल नागरिक अस्पताल और ईएसआई हॉस्पिटल के पास भी फ़ायर ब्रिगेड के एनओसी नहीं है. साथ ही संदेह जताया कि जिन 6 अस्पतालों के पास एनओसी है, उनमें एक को छोड़ बाकि 5 की एनओसी नियमों पर खरी नहीं उतर रही. चौधरी बंसीलाल नागरिक अस्पताल को एक समय में एशिया के सबसे बड़े अस्पतालों में गिना जाता था. यहां भी फ़ायर ब्रिगेड की एनओसी नहीं है. अस्पताल के डिप्टी सीएमओ डॉ. कृष्ण कुमार ने खुद माना कि किसी भी अस्पताल या स्कूल में आगज़नी के दौरान बचाव केवल फ़ायर ब्रिगेड सिस्टम से ही होता है. इसके अलावा बचाव का कोई सिस्टम या साधन नहीं होता.
एनओसी के सवाल पर उन्होने कहा कि अभी अपलाई किया है. दो तीन महीने में मिल जाएगी. बता दें कि देश में कई बार अस्पतालों, स्कूलों और बड़े प्रतिष्ठानों में आगज़नी के घटनाओं और उनमें कई लोगों की जान जाने के बाद 28 दिसंबर को सभी प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र जारी कर सभी संस्थाओं व प्रतिष्ठानों में फ़ायर ब्रिगेड सिस्टम लगाने और एनओसी लेने के निर्देश जारी किए थे. इनका भिवानी में 8 माह बाद भी अमल नहीं हुआ है.