ममता ने फिर की PM मोदी से अपील, ‘IAS (कैडर) नियामवली में संशोधन पर केंद्र आगे नहीं बढ़े’

कोलकाता
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक और पत्र लिखा, जिसमें उनसे आईएएस (कैडर) नियम, 1954 में संशोधन के प्रस्ताव को वापस लेने का आग्रह किया गया। उन्होंने पत्र में कहा कि यह “अधिकारियों के बीच एक भय मनोविकार पैदा करेगा और उनके प्रदर्शन को प्रभावित करेगा।” इस मुद्दे पर सीएम ममता बनर्जी का पीएम को लिखा ये दूसरा पत्र है। बनर्जी ने कहा कि संशोधन संघीय राजनीति और संविधान की बुनियादी संरचना को “नष्ट” करेगा।
क्या है आईएएस (कैडर) नियामवली संशोधन मामला?
केंद्र सरकार ने नियमावली में संशोधन का प्रस्ताव रखा है जिससे वह राज्य सरकार की आपत्तियों को दरकिनार कर आईएएस अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर पदस्थापित कर पाएगा। बनर्जी ने 13 जनवरी को मोदी को पत्र लिखकर उनसे इस प्रस्ताव पर आगे नहीं बढ़ने की अपील की थी। अगर केंद्र अपने फैसले पर पुनर्विचार नहीं करता है तो ममता बनर्जी ने “अधिक आंदोलनों” की चेतावनी दी है।
हमें अधिक से अधिक आंदोलनों की ओर न धकेलें: ममता
सीएम ने लिखा, “मैं आपसे विनम्र निवेदन करती हूं कि कृपया केंद्र सरकार के इस कदम पर पुनर्विचार करें और प्रस्तावित संशोधनों को आगे न बढ़ाएं और आपसे अनुरोध है कि इस महान लोकतंत्र की आत्मा की रक्षा के लिए हमें इस मुद्दे पर अधिक से अधिक आंदोलनों की ओर न धकेलें।” बनर्जी ने यह भी कहा कि प्रस्तावित परिवर्तन, यदि लागू किया जाता है, तो “केंद्र और राज्य के बीच आपसी सामंजस्य की भावना को अपूरणीय क्षति होगी”।
उन्होंने कहा, “मैं एक बार फिर (सप्ताह में दूसरी बार) आईएएस कैडर प्रबंधन के मुद्दे पर आपका ध्यान आकर्षित करने के लिए विवश हूं। मैंने आपको इस पर लिखा था, अपनी आपत्तियों से अवगत कराया … लेकिन मुझे अपनी बातों को और दोहराते हुए फिर से लिखना पड़ा, क्योंकि इस बीच, केंद्र सरकार ने इस मामले को गैर-संघीय चरम सीमा तक ले जाते हुए, एक और संशोधित मसौदे का प्रस्ताव करते हुए, अपने रुख को और बढ़ा दिया है।”