मोदी के गुजरात में शराबबंदी लागू होने के बावजूद ,गुजरात की सडको पर बिखरी मिली इतनी शराब

गुजरात में करीब सात दशकों से शराबबंदी है लेकिन सोमवार को वडोदरा की सड़कों पर इतनी शराब बिखरी हुई मिली कि जिसकी वजह से केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले के काफिले को साइड से निकलना पड़ा।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सोमवार को केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले का काफिला हवाई अड्डे से निर्धारित कार्यक्रम स्थल की तरफ जा रहा था। लेकिन सड़क पर बिखरी बोतल और उससे निकल रहे शराब की वजह से अठावले के काफिला को सड़क किनारे से निकलना पड़ा। कहा जा रहा है कि कुछ देर पहले वहां से स्कूटर पर सवार एक युवक दो बैग में शराब भरकर ले जा रहा था लेकिन जानवर की टक्कर की वजह से बैग में भरी शराब नीचे गिरकर सड़क पर बहने लगी।
#Gujarat में केंद्रीय मंत्री के दौरे के दौरान खुली शराबबंदी की पोल- #Vadodara में जानवर की टक्कर के बाद बीच रास्ते बिखरी देशी शराब के चलते @RamdasAthawale के काफिले को साइड से निकालना पड़ा@news24tvchannel @sanghaviharsh @dgpgujarat @Vadcitypolice @cp_vadodara #liquorbangujarat pic.twitter.com/m2yINTgT1V
— Thakur BhupendraSingh (@BhupendraNews24) January 17, 2022
इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है। जिसमें एक महिला सड़क से गुजर रहे लोगों को टूटे हुए बोतलों और उसमें से बह रही शराब से बचने के लिए किनारे से निकलने की अपील करती हुई दिखाई दे रही है। इसी दौरान केंद्रीय मंत्री का काफिला भी वहां पहुंच जाता है। काफिले में चल रहे पुलिस वाहन में बैठे पुलिसकर्मी महिला का इशारा समझ जाते हैं और काफिले को सड़क किनारे से निकालते हैं।
बता दें कि गुजरात में 1960 से ही शराबबंदी लागू है लेकिन फिर भी हर साल बड़ी मात्रा में अवैध शराब जब्त होती है। गुजरात में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश समेत कई राज्यों से ग़ैरक़ानूनी ढंग से शराब से आती है। इतना ही नहीं पिछले कई सालों में राज्य में जहरीली शराब पीने की वजह से बड़ी संख्या में लोगों की मौत भी हुई है।
हालांकि राज्य में शराब पीने के लिए एक हेल्थ परमिट भी जारी किया जाता है। स्वास्थ्य कारण बताकर राज्य में शराब पीने का परमिट मिलता है। डॉक्टर के द्वारा बीमारी का प्रमाणपत्र जारी किए जाने के बाद ही सिविल अस्पताल के द्वारा यह प्रमाणित किया जाता है कि उक्त व्यक्ति के लिए शराब पीना जरूरी है। हालांकि वर्तमान में यह सुविधा गुजरात के सिर्फ छह सिविल अस्पतालों में ही उपलब्ध है। राज्य में हेल्थ परमिट वाले लोगों को शराब बेचने के लिए सरकार के द्वारा कुछ लाइसेंसधारी शराब दुकान भी हैं।