हर जिले में बच्चों का कोरोना अस्पताल चाहते हैं 81% भारतीय

नई दिल्ली
देश के 81 लोगों का मानना है कि कोरोना वायरस के आशंकित तीसरी लहर को देखते हुए भारत सरकार को बच्चों की स्वास्थ्य देखभाल के लिए हर जिले में अलग से स्वास्थ्य केंद्रों के निर्माण पर ध्यान देना चाहिए। इन केंद्रों में पर्याप्त संख्या में कर्मचारी हों और इसके लिए पर्याप्त धन की व्यवस्था की जाए। देश के दो-तिहाई लोग तीन महीने में तीसरी लहर की आशंका जता रहे हैं।
‘लोकल सर्कल’ प्लेटफॉर्म पर नागरिक मांग कर रहे हैं कि प्रारंभिक कार्रवाई तुरंत की जाए ताकि भारत कोरोना की तीसरी लहर को संभालने के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाए। देश में बच्चों में ओमीक्रोन संक्रमण की आशंका के कारण चिंता व्यक्त की जा रही है। 15 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए टीका नहीं है जबकि 15-18 वर्ष आयु वर्ग के लिए टीकाकरण अभी शुरू हो रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी और निजी दोनों अस्पतालों में बाल चिकित्सा गहन देखभाल इकाई (पीआईसीयू) की आवश्यकता पर जोर दिया है। इसके साथ ही इन केंद्रों में अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे, स्थायी कर्मचारियों का कार्यबल, निरंतर वित्त पोषण की भी जरूरत जताई गई है। इससे संबंधित एक सर्वेक्षण में लोगों से इस बात पर प्रतिक्रिया मांगी गई है कि क्या केंद्र और राज्य सरकारों को वित्त पोषण पर तत्काल ध्यान देना चाहिए और प्रत्येक जिले में 01 जनवरी तक बच्चों की स्वास्थ्य सुविधा (स्थायी या अस्थायी) केंद्रों को (यदि पहले से नहीं है) पर्याप्त कर्मियों के साथ स्थापित कर देना चाहिए। सर्वेक्षण में इस सवाल को 9,558 प्रतिक्रियाएं मिलीं।
सर्वेक्षण के निष्कर्षों से पता चलता है कि 81 नागरिकों का मानना है कि यह अति महत्वपूर्ण है कि भारत सरकार कोविड-19 की तीसरी लहर के जोखिम को देखते हुए हर जिले में पर्याप्त कर्मचारियों से युक्त बच्चों की स्वास्थ्य सुविधा (स्थायी या अस्थायी) को स्थापित करने पर तत्काल ध्यान केंद्रित करे। 59 नागरिको ने कहा, ‘हां, यह महत्वपूर्ण है’। जबकि 23 ने कहा ‘हां, कुछ हद तक महत्वपूर्ण’ है और 11 ने कहा कि अभी इसकी जरूरत नहीं होना चाहिए, इसे बाद में किया जा सकता है।
केंद्रों में पर्याप्त कर्मचारी हों
लोगों का मानना है कि आशंकित तीसरी लहर को देखते हुए भारत सरकार को बच्चों के स्वास्थ्य देखभाल के लिए हर जिले में अलग से स्वास्थ्य केंद्रों के निर्माण पर ध्यान देना चाहिए। इनमें पर्याप्त संख्या में कर्मचारी हों।