जस्टिस चंद्रचूड़ कहा अदालत एक सेवा है जिसे राज्य सभी नागरिकों को प्रदान करता है

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को कहा, ‘अदालत एक सेवा है जिसे राज्य अपने सभी नागरिकों को मुहैया कराता है और ई-फाइलिंग और कागज रहित अदालत जैसी पहल न्याय के विक्रेंदीकरण की दिशा में अहम कदम हैं।”जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि दस्तावेज को ई-फाइलिंग के जरिये जमा करने से वादी और वकीलों को वे अधिक सुलभता से उपलब्ध हो जाती हैं, लेकिन साथ ही राज्य सरकार से आह्वान किया कि वह सभी की डिजिटल साक्षरता सुनिश्चित करे।
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ जस्सिट चंद्रचूड़ केरल हाई कोर्ट की ई-फाइलिंग, कागजरहित अदालत और ई-कार्यालय योजना का उद्घाटन करने के लिए आयोजित ऑनलाइल कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। हाई कोर्ट की ई-फाइलिंग प्रणाली का उद्घाटन करते हुए न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वह सुनिश्चित करें कि सभी मुकदमों की ई-फाइलिंग मुहैया कराना अनिवार्य हो जिसकी शुरुआत राज्य ने की है। जस्टिस चंद्रचूड़ सुप्रीम कोर्ट की ई-समिति के अध्यक्ष हैं।
उन्होंने कहा, ”केरल हाई कोर्ट में आज की हमारी पहल सभी नागरिकों के दरवाजे पर ई-सेवाएं मुहैया कराने की जरूरत पर जोर देती है। दूसरे शब्दों में कहें तो अदालत एक सेवा है जो राज्य द्वारा सभी नागरिकों को मुहैया करायी जाती है। न्याय के विकेंद्रीकरण में यह पहल अहम कदम है।” उन्होंने कहा कि ई-फाइलिंग से वादियों और वकीलों पर से अदालत जाने का बोझ कम होगा और वे अपने घर या कार्यालय से दस्तावेजों को आसानी से अपलोड कर सकेंगे।
इस मौके पर केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने कागज रहित अदालत का और केरल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एस मणिकुमार ने अदालतों में ई-कार्यालय का उद्घाटन किया। मौजूदा समय में छह अदालत कक्षों को पूरी तरह से कागज रहित स्मार्ट डिजिटल अदालत में तब्दील किया गया है और हाई कोर्ट का लक्ष्य सभी अदालत कक्षों को कागज रहित डिजिटल अदालत कक्ष में आने वाले कुछ महीनों में तब्दील करने का है।