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नीतीश कुमार ने गुस्‍सा मे पत्रकारों से कहा- समाज सुधार अभ‍ियान से नफरत है तो बाहर जाइए

बिहार के सीएम नीतीश कुमार अनुशासनप्रिय नेता माने जाते हैं। वे अपनी सभाओं में शोरशराबा करके अनुशासन भंग करने वालों पर अक्सर मुखर हो जाते हैं। बुधवार को वे मुजफ्फरपुर में एक सभा के दौरान ऐसी ही स्थिति आने पर मीडिया वालों पर नाराज हो गए और साफ-साफ कह दिया कि समाज सुधार अभियान से आपको नफरत हो तो बाहर चले जाइए। नीतीश 22 दिसंबर से ‘समाज सुधार अभियान’ के तहत राज्य का दौरा कर रहे हैं और शराब/नशा, दहेज और बाल विवाह के दुष्परिणाम गिनाते हुए इन बुराइयों के खिलाफ जनसभाएं कर रहे हैं।

दरअसल जनसभा के दौरान शोर-शराबा कर रहे लोगों की ओर मीडिया का ध्यान जाने के बाद सीएम नीतीश कुमार कुछ देर के लिए अपना आपा खो दिया। घटना को लेकर नीतीश ने अपना आपा खो दिया और मंच से कहा कहा, ‘‘अरे आपलोग क्या कर रहे हैं भाई। ये क्या कर रहे हैं आपलोग फोटो…। ये मीडिया वाले किधर जा रहे हैं। आप लोगों को समाज सुधार अभियान से नफरत है। अगर नफरत है तो यहां से चले जाइए बाहर। आप ये कौन सा काम कर रहे हैं। कौन क्या बोलता है बोलने दीजिए। क्या आप समाज को नहीं जानते हैं, क्या आदमी का स्वभाव है कि वह सौ प्रतिशत ठीक हो सकता है। कभी सौ प्रतिशत ठीक नहीं हो सकता है, इसी के लिए तो अभियान चलाना है। इसके लिए ही तो हम अभियान चला रहे हैं।’’

 

नीतीश ने बेहद खिन्न होकर कहा, ‘‘तो कहां बीच में लोग बात सुन रहे हैं और मेरे पीछे में जाकर हो हो कर रहे हैं। अगर किसी को समाज सुधार से मतलब नहीं है तो यहां पर आने की जरूरत क्या है।’’ पुलिस के अनुसार, स्थानीय स्तर के कुछ निर्वाचित प्रतिनिधि मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपने आए थे और मंच से कुछ दूरी पर रोके जाने पर उत्तेजित हो गए। हालांकि पुलिस ने उनसे बात कर उन्हें शांत करा लिया था।

नीतीश ने अपने संबोधन में आगे कहा, ‘‘क्या आज आपने महिलाओं की बात नहीं सुनी। किस-किस रूप से महिलाओं में जागृति आ रही है। महिलाओं में जागृति आ रही है और आप पुरूष हैं तो क्या आपमें जागृति नहीं आएगी। क्या केवल महिलाओं में जागृति के लिए हम यह अभियान चला रहे हैं? पुरूषों में भी जागृति आनी चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यदि आपको कोई शिकायत है तो जब मैं समारोह पूरा कर लूं तो मुझसे मिलें।’’ उक्त बातें खत्म करने के बाद नीतीश ने शराब पीने, कम उम्र में लड़कियों की शादी करने और दहेज की बुराइयों पर जोर देते हुए अपना भाषण फिर से शुरू किया। गौरतलब है कि राज्य में पूर्ण शराबबंदी की नीतीश का फैसला दीपावली के आसपास नवंबर में जहरीली शराब कांड में 40 से अधिक लोगों की मौत के बाद से विवादों में है।

 

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