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आयुष्मान खुराना को गे कम्युनिटी से लगता था डर ?

बॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता और गायक आयुष्मान खुराना लीक से हटकर फिल्में करने के लिए जाने जाते है। उन्होंने ऐसी कई फिल्मों में काम किया है जिसके बारे में आम तौर पर लोग बात करने से भी कतराते हैं। इसी कड़ी में अभिनेता ने अपने एक अनुभव को शेयर किया है। आयुष्मान खुराना ने अपने कॉलेज के दिनों को याद करते हुए उस दौरान हुआ एक अजीबोगरीब किस्सा सुनाया है। आयुष्मान ने कहा कि कॉलेज के दिनों में एक समलैंगिक समुदाय ने मुझे बुलाया था, लेकिन उन्होंने डर के चलते उन्होंने जाने से मना कर दिया था।

LGBTQ पर आधारित है फिल्म दरअसल, आयुष्मान खुराना की हाल ही में नई फिल्म ‘चंडीगढ़ करे आशिकी’ रिलीज हुई है। जिसमें ट्रांस समुदाय द्वारा झेले जाने वाले भेदभाव और बहिष्कार को दिखाया गया है। हाल ही में आयुष्मान ने अपने एक इंटरव्यू में कहा कि, LGBTQ पात्रों वाली फिल्मों का निर्माण करना काफी महत्वपूर्ण है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी फिल्मों में उस समुदाय से कलाकारों को शामिल करना आसान नहीं है।

13 साल की उम्र में पता चली ये बात आयुष्मान ने आगे कहा कि, अतीत में ट्रांस कम्युनिटी के अनुभवों से उन्हें महसूस हुआ है कि ऐसे कलाकार खुद को लेकर काफी संवेदनशील रहते हैं और उन्हें लगातार इस बात का डर होता है कि फिल्मों के जरिए उनकी एक खास छवि गढ़ दी जाएगी। उन्होंने ट्रांस कम्युनिटी के बारे में जागरूकता की कमी पर चर्चा की और खुलासा किया कि जब वह सिर्फ 13 साल के थे, तब उन्होंने पहली ट्रांस समुदाय को जाना और समझा।

पिता ने की थी मदद आयुष्मान ने बताया कि उनमें से एक लड़की ऑपरेशन के जरिए लड़का बनना चाहती थी। उन्होंने कहा, तब मेरे पिता ने उसे को एक स्त्री रोग विशेषज्ञ के पास जाने का सुझाव दिया। हालांकि स्त्री रोग विशेषज्ञ ने तो लड़की को ऑपरेशन के लिए मना कर दिया लेकिन मेरे पिता ने उन्हें एक बड़े शहर जाने की सलाह दी। बाद में पता चला था कि लड़की ने ऑपरेशन करा कर जेंडर चेंज करा लिया है। उसने अपनी दोस्त से ही शादी की थी। अब उनकी शादी को 20-25 साल हो गए हैं।
लोगों को पसंद आ रही आयुष्मान की फिल्म आपको बता दें कि, हाल ही में आयुष्मान खुराना की फिल्म ‘चंडीगढ़ करे आशिकी’ रिलीज हुई। इसमें आयुष्मान के साथ वाणी कपूर लीड रोल में नजर आई। वाणी ने फिल्म में एक महिला किन्नर का किरदार निभाया है। एक तरफ जहां फिल्म में वाणी कपूर के अभिनय की लोगों ने सराहना की है, तो वहीं कुछ लोगों का मानना है कि यदि वाणी की जगह कोई महिला किन्नर उस किरदार को निभाती तो और बेहतर होता। वहीं, आयुष्मान ने इस बहस को सही बताते हुए कहा कि समलैंगिक और किन्नर समुदाय के कलाकारों को सिनेमा की मुख्यधारा से जोड़ना कोई आसान काम नहीं है।

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