अब एक महीने नहीं होंगे मांगलिक कार्य,मलमास आज से शुरू

आज सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करने के साथ ही मलमास प्रारंभ हो गया है। इसे खरमास भी कहते हैं। मलमास में विवाह, सगाई, मुंडन, गृह प्रवेश आदि जैसे मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। सूर्य के एक माह तक धनु राशि में रहने के दौरान इस प्रकार के मांगलिक कार्यो पर प्रतिबंध रहता है। 14 जनवरी 2022 को दोपहर 2.28 बजे सूर्य जब मकर राशि में प्रवेश करेगा तो पुन: मांगलिक कार्य प्रारंभ हो सकेंगे।
सूर्य 15 दिसंबर को मध्यरात्रि के बाद अर्थात् 16 दिसंबर को सूर्योदय पूर्व रात्रि 3 बजकर 42 मिनट पर धनु राशि में प्रवेश करेगा। इसके साथ ही विवाह जैसे मांगलिक कार्य थम जाएंगे। क्योंकिवैवाहिक और अन्य मांगलिक प्रसंगों के लिए बृहस्पति का शुद्ध होना आवश्यक है। सूर्य जब बृहस्पति की राशि धनु और मीन में गोचर करता है तो इन दो माहों को मलमास या खरमास कहा जाता है। इसके बाद अब विवाह के शुद्ध मुहूर्त 22 जनवरी से प्रारंभ होंगे। वर्ष 2022 में विवाह के मुहर्त जनवरी- 22, 23 फरवरी- 5, 6, 10, 18, 19 मार्च- 23 फरवरी से 23 मार्च तक गुरु अस्त रहने से विवाह मुहूर्त नहीं हैं। अप्रैल- 19, 20, 21, 22, 23 मई- 2, 3, 10, 11, 12, 18, 20, 25, 26, 31 जून- 1, 6, 8, 11, 13, 20, 21 जुलाई- 3, 4, 8, 9 इसके बाद चातुर्मास लगेगा। दिसंबर- 2, 8, 9, 14
स्वयं सिद्घ मुहूर्त वर्ष 2022 में स्वयं सिद्घ मुहूर्त 5 फरवरी को वसंत पंचमी, 3 मई को अक्षय तृतीया और 8 जुलाई को भड़ली नवमी रहेंगे। इन अबूझ मुहूर्तो पर विवाह के लिए पंचांग शुद्धि देखने की आवश्यकता नहीं होती है।
विष्णु आराधना का श्रेष्ठ माह मलमास को खरमास या धनुर्मास भी कहा जाता है। इस माह के स्वामी भगवान विष्णु होते हैं। इसलिए मलमास में भगवान विष्णु की आराधना सर्वश्रेष्ठ मानी गई है। इस माह में नित्य प्रतिदिन भगवान विष्णु का नाम स्मरण करने से अनेक प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। विष्णु सहस्रनाम का पाठ नित्य करना चाहिए।