विमान हादसे में शहीद हुए देश के सबसे बड़े सैन्य अधिकारी जनरल बिपिन रावत

तमिलनाडु में हुए वायुसेना के हेलीकॉप्टर क्रैश में सीडीएस जनरल बिपिन रावत शहीद हो गए हैं। बुधवार को तमिलनाडु के कुन्नूर में Mi-17V5 हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इसमें सीडीएस बिपिन रावत भी अपनी पत्नी के साथ सवार थे।
जनरल बिपिन रावत के बारे में जानकारी देते हुए एयरफोर्स ने ट्वीट कर कहा- गहरे अफसोस के साथ अब यह पता चला है कि इस दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में जनरल बिपिन रावत, श्रीमती मधुलिका रावत समेत उसमें सवार 11 अन्य लोगों की मौत हो गई है”।
सैन्य परिवार से रखते थे संबंध- सैन्य अधिकारियों के परिवार से संबंध रखने वाले जनरल रावत का जन्म उत्तराखंड में हुआ था। जनरल रावत के पिता और दादाजी भी सैन्य अफसर थे। अपने समय के सबसे प्रसिद्ध सैन्य अफसरों में से एक, जनरल बिपिन रावत ने 1 जनवरी, 2020 को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के रूप में पदभार ग्रहण किया था। इस पद पर नियुक्त होने वाले वो पहले सैन्य अफसर थे।
गोरखा रेजीमेंट से थे रावत- जनरल बिपिन रावत को भारतीय सेना प्रमुख के रूप में सेवानिवृत्त होने से ठीक एक दिन पहले सीडीएस नामित किया गया था, इस पद पर तीन साल के कार्यकाल के लिए उनकी नियुक्ति हुई थी। जनरल बिपिन रावत गोरखा रेजीमेंट के अधिकारी थे। जनरल रावत गोरखा रेजीमेंट के चौथे ऐसे अधिकारी थे, जो सेनाध्यक्ष बने थे।
With deep regret, it has now been ascertained that Gen Bipin Rawat, Mrs Madhulika Rawat and 11 other persons on board have died in the unfortunate accident.
— Indian Air Force (@IAF_MCC) December 8, 2021
2016 में बने थे सेनाध्यक्ष- सीडीएस के रूप में, जनरल रावत सेना से संबंधित मामलों पर सरकार के मुख्य सलाहकार थे। इस भूमिका में, जनरल रावत ने सशस्त्र बलों के तीन विंग भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना के बीच बेहतर तालमेल पर ध्यान केंद्रित किया था। जनरल बिपिन रावत की स्कूली पढ़ाई शिमला के सेंट एडवर्ड स्कूल से हुई थी। उन्होंने देहरादून में भारतीय सैन्य अकादमी में प्रशिक्षण लिया था। जनरल रावत को 31 दिसंबर, 2016 को सेनाध्यक्ष नियुक्त किया गया था।
यहां दे चुके थे सेवा- जनरल रावत ने ब्रिगेड कमांडर, जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (जीओसी-सी) दक्षिणी कमान, सैन्य संचालन निदेशालय में जनरल स्टाफ ऑफिसर ग्रेड -2, कर्नल सैन्य सचिव और उप सैन्य सचिव की सेवा में चार दशक बिताए थे। वह संयुक्त राष्ट्र शांति सेना का भी हिस्सा थे और उन्होंने कांगो में एक बहुराष्ट्रीय ब्रिगेड की कमान संभाली थी।
इन अभियानों में थी भूमिका- उन्होंने अपने सैन्य करियर के दौरान पूर्वोत्तर में उग्रवाद को नियंत्रित करने, म्यांमार में सीमा पार ऑपरेशन और 2016 के सर्जिकल स्ट्राइक में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्हें सैन्य सेवा के लिए परम विशिष्ट सेवा मेडल, उत्तम युद्ध सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल, युद्ध सेवा मेडल दिए गए थे।
क्या हुआ आज- जानकारी के अनुसार यह हेलीकॉप्टर सुलूर से वेलिंगटन के लिए उड़ान पर था। हेलीकॉप्टर में चालक दल सहित 14 लोग सवार थे। यह हादसा तब हुआ जब हेलीकॉप्टर, लैंड करने की जगह से करीब 10 किलोमीटर दूर था। सीडीएस रावत अन्य अधिकारियों के साथ इसमें सवार थे, जब जंगल में वायुसेना का यह हेलिकॉप्टर क्रैश कर गया। मौके पर तुरंत ही राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया गया था। हालांकि हेलीकॉप्टर में आग लगने से शुरूआत में बचाव कार्यों में कर्मियों को परेशानी का भी सामना करना पड़ा था।
13 की मौत- रावत के साथ इस हादसे में 14 में से 13 की लोगों की मौत हो गई है। सीडीएस रावत वेलिंगटन में डिफेंस स्टाफ कॉलेज जा रहे थे। वायुसेना ने कहा कि दुर्घटना की ‘कोर्ट ऑफ इंक्वायरी’ के आदेश दे दिए गए हैं।