न्यायाधीश मीडिया के प्रभाव में आकर फैसला नहीं देते’, लोगों के बीच भ्रम पर बोले HC के न्यायमूर्ति प्रकाश डी नाइक

पणजी
नाइक मडगांव के जीआर कारे कॉलेज ऑफ लॉ में छात्रों को संबोधित कर रहे थे। यहां छात्रों ने उनसे मीडिया ट्रायल पर उनकी राय पूछी। इस पर नाइक ने कहा कि मीडिया ट्रायल होता है। हालांकि, न्यायाधीश इससे प्रभावित होते हैं।
बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायाधीश प्रकाश डी नाइक ने कहा कि न्यायाधीश मीडिया के प्रभाव में आकर अपना फैसला नहीं देते हैं। उन्होंने कहा कि लोगों में मीडिया को लेकर धारणा बनी हुई है कि वह किसी भी केस में ज्यादा ही शामिल हो जाती है। अदालत के फैसले का इंतजार करने की बजाय पहले ही अपना निर्णय सुना देती है। उन्होंने कहा कि लेकिन इन सबसे न्यायाधीश प्रभावित नहीं होते हैं। हम हमेशा अपना फैसला सुनवाई और सबूतों के आधार पर देते हैं।
दरअसल, नाइक मडगांव के जीआर कारे कॉलेज ऑफ लॉ में छात्रों को संबोधित कर रहे थे। यहां छात्रों ने उनसे मीडिया ट्रायल पर उनकी राय पूछी। इस पर नाइक ने कहा, ‘मीडिया ट्रायल होता है। हालांकि मैं यह नहीं कहूंगा कि न्यायाधीश मीडिया से प्रभावित होते हैं।’
उन्होंने कहा कि आम जनता का कहना है कि मीडिया अदालत में मुकदमा चलाने से पहले ही अपना फैसला सुना देती है। जबकि वह इस हद तक नहीं जा सकती। उन्होंने कहा कि कभी-कभी अदालत में जाने से पहले गवाहों का इंटरव्यू लिया जाता है। इस पर कहा जाता है कि इस तरह के मीडिया ट्रायल का सुनवाई पर असर पड़ता है।