ऐसे कैसे मिलेगा इंसाफ! सबूत मिटने के बाद राजस्व से रेगुलर पुलिस को मिलते हैं केस

अंकिता हत्याकांड ने एक बार फिर राजस्व पुलिस व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। इसी के साथ पिछले कुछ सालों में भी ऐसे ही कुछ केसों की यादें जाता हो गई। पिछले करीब 4 सालों में ऐसे कई मामले सामने आए हैँ।
लेकिन अगर समय रहते केस पुलिस को मिल जाते तो शायद इनके गुनहगार भी जेल में हेाते। पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों के अनुसार 2019 से अब तक राजस्व पुलिस से हत्या के 16 केस रेगुलर पुलिस को मिल गए हैं। जिनमें कि केस दर्ज होने से लेकर विवेचना और लंबी छानबीन हुई। लेकिन गुत्थी अलसुलझी ही रह गई। तब जाकर ये केस पुलिस को दिए गए।
लेकिन इनमें से 11 केस तो ऐसे थे जिनमें हत्याकांड को काफी समय हो गया था। ऐसे में उनसे जुड़े सारे सबूत मिट चुके थे। ना तो काल रिकार्ड कहीं था ना ही फारेंसिक एविडेंस। जिस कारण पुलिस ने भरसक प्रयास के बावजूद केस नहीं खुल पाए और बंद करने पड़े। लेकिन अगर ये केस तुरंत ही पुलिस को मिल जाते तो इनका खुलासा हो सकता था।
वो 11 केस काफी देर से पुलिस को मिले। कुछ तो एक साल बाद मिले। जिस कारण उनमें सबूत जुटाना मुश्किल हुआ। जिस कारण ये बंद करने पड़े। अंकिता मर्डर केस में हमने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पर्याप्त सबूत उनके खिलाफ जुटा लिए हैं। आगे की जांच तेजी से जारी है। जल्द इसमें हर सवाल का जवाब लोगों को मिल जाएगा। आरोपी बच नहीं पाएंगे।
अशोक कुमार, डीजीपी