
दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार को मौजूदा सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) वितरकों या उचित मूल्य की दुकान (एफएसपी) के मालिकों की आपूर्ति को राष्ट्रीय राजधानी में राशन की होम डिलीवरी के लिए डायवर्ट करने की अनुमति दी है। जस्टिस विपिन सांघी और जसमीत सिंह की डिवीजन बेंच ने 22 मार्च, 2021 को दिए अपने आदेश में बदलाव भी किया जिसने दिल्ली सरकार को मौजूदा पीडीएस वितरकों को खाद्यान्न और आटे की आपूर्ति को रोकने या कम करने से रोक दिया था।
1 अक्टूबर। दिल्ली सरकार राजधानी में शराब की होम डिलीवरी के बाद अब घर-घर राशन की भी डिलीवरी कर सकेगी। शुक्रवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल सरकार की घर-घर राशन पहुंचाने की योजना को हरी झंडी दे दी है।
हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि वह पहले प्रत्येक एफपीएस वितरकों को उन राशन कार्डधारकों के विवरण के बारे में एक सूचना जारी करें, जिन्होंने अपने दरवाजे पर राशन प्राप्त करने का विकल्प चुना है। उसके बाद ही फैसला लिया जाए कि उन्हें होम डिलीवरी दी जानी चाहिए या नहीं। अदालत ने सरकार की उस दलील पर ध्यान देने के बाद अपने पहले के आदेश में संशोधन किया है, जिसमें कहा गया था कि ‘बड़ी संख्या’ ने सभी पीडीएस कार्डधारकों से विकल्प तलाशने के लिए अपने दरवाजे पर राशन की आपूर्ति का विकल्प चुना है। सरकार ने अदालत से यह भी कहा कि दिल्ली सरकारी राशन डीलर्स संघ के सदस्यों को आपूर्ति में कटौती करनी होगी, जिन्होंने नई योजना के तहत लोगों को राशन की होम डिलीवरी की है। दिल्ली सरकार ने यह भी कहा कि जो लोग राशन की डोरस्टेप डिलीवरी का विकल्प चुनते हैं तो भी उनके पास एक बार फिर से पुरानी प्रणाली के तहत राशन लेने का भी विकल्प होगा।