क्राइम

कैसे गैंगवॉर में बदली जितेंद्र गोगी और टिल्लू ताजपुरिया की कॉलेज की दुश्मनी, रोहिणी कोर्ट में शूटआउट की इनसाइड स्टोरी

नई दिल्ली

दिल्ली की रोहिणी कोर्ट में शुक्रवार को आम दिनों की तरह ही केसों की सुनवाई चल रही थी। इसी बीच वकील के वेश में आए दो लोगों ने पेशी के लिए पहुंचे खूंखार अपराधी जितेंद्र मान उर्फ गोगी पर फायरिंग कर दी। इस पर जवाबी कार्रवाई करते हुए पुलिस ने दोनों बदमाशों को मार गिराया। इस गोलीबारी में एक वकील भी जख्मी हुआ है। दिनदहाड़े भरी अदालत में हुई इस घटना से सनसनी फैल गई। पुलिस सूत्रों का कहना है कि यह खौफनाक घटना दरअसल गैंगवॉर का नतीजा है, जो लंबे समय से गोगी और टिल्लू ताजपुरिया गैंग के बीच चली आ रही है।

इस घटना ने दिल्ली के दो बड़े गैंगस्टरों के बीच चली आ रही वॉर की भी याद दिला दी है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि टिल्लू ताजपुरिया और जितेंद्र गोगी के बीच कॉलेज के दिनों से ही अदावत रही है। एक समय में दोनों करीबी दोस्त थे, लेकिन 2010 में दिल्ली के एक कॉलेज के स्टूडेंट यूनियन के चुनाव में दोनों एक दूसरे के दुश्मन हो गए। यही नहीं 2018 में दोनों की गैंग के बीच खूनी संघर्ष हुआ था। दिल्ली के बुराड़ी इलाके में हुई गैंगवॉर में तीन लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 5 लोग जख्मी हो गए थे। कहा जाता है कि दिनों गैंगों के बीच खूनी संघर्ष में अब तक करीब 100 लोग मारे जा चुके हैं।

कौन था कुख्यात अपराधी जितेंद्र मान ‘गोगी’

रोहिणी कोर्ट में हुई फायरिंग में मारा गया गैंगस्टर जितेंद्र मान उर्फ गोगी दिल्ली हरियाणा बॉर्डर से सटे अलीपुर इलाके का रहने वाला था। एक समय पर वह दिल्ली पुलिस की मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में टॉप पर था। इसके अलावा दुबई एक कारोबारी से तिहाड़ जेल से ही 5 करोड़ रुपये की मांग करने के चलते भी वह चर्चा में रहा था। कहा जाता है कि गोगी का इतना प्रभाव था कि वह जेल से भी फिरौती, अपहरण, हत्याओं जैसे अपराधों को अंजाम देता था। तीन बार वह पुलिस की हिरासत से भी भाग चुका था। 30 जुलाई, 2016 को भी वह बहादुरगढ़ से दिल्ली पुलिस की हिरासत से भाग गया था।

टिल्लू ताजपुरिया भी रहा है नामी गैंगस्टर

जितेंद्र मान गोगी की तरह ही टिल्लू ताजपुरिया भी खूंखार अपराधी है। वह भी इन दिनों तिहाड़ जेल ममें ही बंद है और वहीं से अपना गैंग चलाता है। दोनों गैंगों के बीच 2010 से वॉर शुरू हो गई थी, लेकिन यह खूनी जंग 2013 में तब तेज हुई थी, जब पुलिस ने एक और अपराधी को मार गिराया था। पुलिस एनकाउंटर में नीतू दाबोडिया मारा गया था। इसके अलावा खुद को दिल्ली का डॉन कहने वाला नीरज बवानिया को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल में बंद किया था। इसके बाद दिल्ली में अपराध की दुनिया में नाम कमाने की जंग जितेंद्र गोगी और टिल्लू ताजपुरिया के बीच तेज हो गई थी। यह संघर्ष शुक्रवार को रोहिणी कोर्ट में हुई फायरिंग के साथ ही खत्म हो गया है। लेकिन जिस तरह से गैंगवॉर का यह आखिरी चैप्टर क्लोज हुआ है, उसने अदालतों की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।

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