क्राइम

हैदरपोरा में हुई मुठभेड़ पर मुफ्ती ने उठाए सवाल, कहा-वे आतंकवादियों के सहयोगी नहीं बल्कि आम नागरिक थे

जम्मू और कश्मीर के विपक्षी नेताओं ने हैदरपोरा एनकाउंटर पर अपना आक्रोश व्यक्त किया है। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने हैदरपुरा क्षेत्र में हुई। इस मुठभेड़ में दो आतंकवादी सहित उसके दो सहयोगियों को मार गिराया गया था। नेताओं का कहना है कि वे आतंकवादियों के सहयोगी नहीं, बल्कि आम नागरिक थे। इन्होंने इस कथित हत्या की न्यायिक जांच की मांग की है।पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने हैदरपुरा क्षेत्र में हुई।

उन्होंने जांच की मांग करते हुए कहा, ‘‘यह देखकर दुख होता है कि आपने (पुलिस ने) आतंकवादियों से लड़ते हुए नागरिकों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है।’’श्रीनगर के हैदरपुरा इलाके में सोमवार देर शाम हुई मुठभेड़ में एक पाकिस्तानी आतंकवादी और उसके स्थानीय सहयोगी समेत चार लोग मारे गए। मृतकों में एक मकान मालिक और एक चिकित्सक भी शामिल हैं, जिन्हें पुलिस ने ‘‘आतंकी सहयोगी’’ बताया है। हालांकि, उनके परिवार वालों ने पुलिस के आरोपों का खंडन किया है।

महबूबा ने मृतकों में से एक अल्ताफ भट की बेटी के वीडियो का जवाब देते हुए ट्विटर पर लिखा, ‘‘निर्दोष नागरिकों का मानव ढाल के रूप में उपयोग करना, उन्हें गोलीबारी में मारना और फिर उन्हें आसानी से ओजीडब्ल्यू (ओवर ग्राउंड वर्कर) के रूप में बता देना भारत सरकार की नियम पुस्तिका का हिस्सा है।’’ इस वीडियो को एक उपयोगकर्ता द्वारा साझा किया गया था।उन्होंने कहा कि जरूरी है कि सच्चाई को सामने लाने के लिए एक विश्वसनीय न्यायिक जांच की जाए।

युवाओं के एक समूह को संबोधित किया

पार्टी कार्यालय में युवाओं के एक समूह को यहां संबोधित करते हुए महबूबा ने कहा, ‘‘मुझे हैदरपुरा में एक मुठभेड़ के बारे में एक खबर मिली। आतंकवादी का मारा जाना समझ आता है, लेकिन परिवार का आरोप है कि मकान के मालिक को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल किया गया और उन्हें एक युवा चिकित्सक के साथ मार दिया गया।’’उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि उन्हें (मकान मालिक और चिकित्सक) किस श्रेणी में रखा जाएगा, लेकिन दिल दुखता है। यह देखकर दुख होता है कि आपने आतंकवादियों से लड़ते हुए नागरिकों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। यह गलत है।’’

भाजपा पर ध्रुवीकरण करने का आरोप लगाया

जम्मू के पांच दिवसीय दौरे पर आई महबूबा ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए देश का ध्रुवीकरण करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘‘पहले की सरकारें अपनी उपलब्धियों पर वोट मांगती थीं, जैसे कि कितने पुल बनाए गए हैं, रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं और युवाओं को रोजगार दिया गया है। उनके (भाजपा) पास वोट हासिल करने के वास्ते हिंदुओं और मुसलमानों को आपस में लड़ाने के अलावा दिखाने के लिए कुछ भी नहीं है।’’ जम्मू के युवाओं से सतर्क रहने को कहते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया कि यहां भी समाज में जहर घोलने की कोशिश की जा रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘युवा बेरोजगारी की सबसे बड़ी समस्या का सामना कर रहे हैं और उनके (सरकार के) पास इसका कोई जवाब नहीं है। किसानों के मुद्दे का उनके पास कोई जवाब नहीं है, जो पिछले लगभग एक साल से सड़कों पर हैं।’’ उन्होंने हाल के दिनों में त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में सांप्रदायिक तनाव का हवाला देते हुए कहा, ‘‘उनके पास केवल एक मशीन है और केवल एक कारक है और वह है उत्तर प्रदेश के चुनावों में राजनीतिक लाभ के लिए समाज का ध्रुवीकरण करना।’’

हिंदू, मुस्लिम और सिख भाई की तरह रह रहे लेकिन  भाजपा समाज में जहर घोलना चाहते

पीडीपी नेता ने कहा कि वह जम्मू में कृष्ण देव सेठी नाम के शख्स के घर पली-बढ़ी हैं, लेकिन उन्हें कभी भी हिंदू और मुस्लिम में कोई अंतर महसूस नहीं हुआ। उन्होंने कहा, ‘‘यह जम्मू का भाईचारा है, जो देश में उन जगहों में से एक है, जहां धर्मनिरपेक्षता जीवित है और हिंदू, मुस्लिम और सिख भाई की तरह रह रहे हैं, लेकिन वे यहां भी समाज में जहर घोलना चाहते हैं।’’

महबूबा ने कहा, ‘‘आपको उनके जाल में नहीं पड़ना चाहिए। आपको उनसे हिसाब लेना होगा और पूछना होगा कि यहां स्थापित बिजली परियोजनाओं और कारखानों में कितने स्थानीय लोगों को रोजगार मिला है। अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद, जम्मू-कश्मीर में कितने स्थानीय और गैर-स्थानीय लोगों को नौकरी मिली।’’

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