दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी से मौतों की जांच नहीं, एलजी ने कमेटी बनाने की मांग वाली फाइल फिर लौटाई

नई दिल्ली।
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान राजधानी में ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की मौतों के मामले की जांच के लिए कमेटी बनाने की मंजूरी के लिए दिल्ली सरकार की ओर से भेजी गई फाइल को उपराज्यपाल अनिल बैजल ने शुक्रवार को नामंजूर कर दिया है।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि उपराज्यपाल ने कहा है इसकी जांच की जरूरत नहीं है। वहीं, केंद्र सरकार कह रही है कि राज्य बताएं की ऑक्सीजन की कमी से कितने लोगों की मौत हुई, जबकि बिना जांच के ये बता पाना संभव नहीं है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और अदालतें ऑक्सीजन की कमी के कारण होने वाली मौतों की संख्या जानना चाहती हैं, लेकिन दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी के कारण मरने वालों की सही संख्या का पता लगाना संभव नहीं है।
मनीष सिसोदिया ने ट्वीट किया, ”केंद्र सरकार ने दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी की वजह से हुई मौतों की जांच के लिए कमेटी बनाने का प्रस्ताव फिर से नामंजूर कर दिया है। एक तरफ तो राज्यों से O2 की कमी से हुई मौत का आंकड़ा मांगने का ड्रामा करते हैं, दूसरी तरफ जांच कमेटी को रुकवा देते हैं. आखिर क्या छिपाना चाहतों है केंद्र सरकार?”
Hon’ble Deputy CM Shri @msisodia addressing an important digital press conference | Live https://t.co/Lb55iMbwTU
— Manish Sisodia (@msisodia) August 20, 2021
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार ने 16 अगस्त को कोरोना की दूसरी लहर के दौरान राजधानी में ऑक्सीजन की कमी से संबंधित मौतों की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी बनाने के अनुरोध वाली फाइल सोमवार को एक बार फिर से उपराज्यपाल अनिल बैजल को भेजी थी। इसके साथ ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर उनसे दिल्ली के उपराज्यपाल को ऑक्सीजन से संबंधित मौतों की जांच के लिए कमेटी के गठन को मंजूरी देने का निर्देश दिए जाने आग्रह भी किया था।
सिसोदिया ने कहा था कि हमने एलजी को एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित करने की मंजूरी के लिए एक फाइल भेजी है ताकि यह पता लगाया जा सके कि ऑक्सीजन की कमी के कारण कितने कोविड रोगियों की मृत्यु हुई। मैंने अमित शाह को भी पत्र लिखकर एलजी को कमेटी के गठन को नहीं रोकने का निर्देश देने का आग्रह किया है।
सिसोदिया ने पहले कहा था कि बैजल ने ऑक्सीजन से संबंधित मौतों की जांच के लिए कमेटी के गठन और ऑक्सीजन की कमी के कारण मरने वालों के परिवारों को 5 लाख रुपये का मुआवजा देने की मंजूरी नहीं दी थी।
गौरतलब है कि राजधानी कोविड की बेहद क्रूर दूसरी लहर के दौरान सभी अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ गई थी। इसके चलते पैदा हुए ऑक्सीजन संकट और बेड्स की कमी के कारण कई लोगों की जान चली गई थी।