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टोक्यो ओलंपिक:’शायद स्वर्ग से मुझे देख रहे होंगे…’ नीरज चोपड़ा ने मिल्खा सिंह को समर्पित किया गोल्ड

देश के स्टार भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics 2020) में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा. उन्होंने अपने इस गोल्ड मेडल को महान धावक मिल्खा सिंह (Milkha Singh) को समर्पित किया. ‘उड़न सिख’ से मशहूर मिल्खा का हाल में कोरोना वायरस के कारण निधन हो गया था.

नई दिल्ली.

 देश के स्टार भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics 2020) में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है. उन्होंने शनिवार को अपने इवेंट के फाइनल में 87.58 मीटर दूर भाला फेंका और ट्रैक एंड फील्ड एथलेटिक्स में देश को ओलंपिक का पहला सोने का तमगा दिलाया. उन्होंने अपने इस गोल्ड मेडल को ‘फ्लाइंग सिख’ से मशहूर महान धावक मिल्खा सिंह (Milkha Singh) को समर्पित किया. मिल्खा का हाल में घातक कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद निधन हो गया था.

 

‘आर्मी मैन’ नीरज चोपड़ा ने जैवेलिन थ्रो (Javelin Throw) में गोल्ड मेडल जीतकर भारत को जश्न मनाने का मौका दिया. उन्होंने स्वर्ण पदक जीतने के बाद तिरंगा लेकर मैदान का चक्कर लगाया और इसका जश्न मनाया.यह टोक्यो ओलंपिक में भारत का पहला और व्यक्तिगत स्पर्धा में ओलंपिक गेम्स का ओवरऑल दूसरा गोल्ड मेडल है. नीरज से पहले दिग्गज शूटर अभिनव बिंद्रा (Abhinav Bindra) ने 2008 ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीता था.

हरियाणा के पानीपत में रहने वाले नीरज ने पदक जीतने के बाद कहा, ‘मैं अपने इस गोल्ड मेडल को महान मिल्खा सिंह को समर्पित करता हूं. मैंने स्वर्ण पदक जीतने के बारे में सोचा तो नहीं था, लेकिन कुछ अलग करना चाहता था. मैं जानता था कि आज अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करूंगा. मैं ओलंपिक गेम्स का रिकॉर्ड तोड़ना चाहता था.’

 

नीरज ने पदक जीतने के बाद कहा, ‘मैं अपने इस गोल्ड मेडल को महान मिल्खा सिंह को समर्पित करता हूं. शायद मुझे स्वर्ग से देख रहे होंगे. मैंने स्वर्ण पदक जीतने के बारे में सोचा तो नहीं था, लेकिन कुछ अलग करना था. मैं जानता था कि आज अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करूंगा. मैं ओलंपिक गेम्स का रिकॉर्ड तोड़ना चाहता था, बस शायद इसी की वजह से.’

 

उन्होंने आगे कहा कि वह पदक के साथ मिल्खा सिंह से मिलना चाहते थे. उन्होंने साथ ही ‘उड़न परी’ पीटी उषा और उन एथलीटों को यह मेडल समर्पित किया जो ओलंपिक पदक जीतने के करीब पहुंचे लेकिन कामयाब नहीं हो पाए. नीरज ने आगे कहा कि जब राष्ट्रगान बज रहा था और भारतीय तिरंगा ऊपर की ओर जा रहा था, वह रोने वाले थे.

नीरज चोपड़ा एथलेटिक्स में ओलंपिक पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी हैं. खास बात रही कि फाइनल में कोई भी एथलीट नीरज के आसपास नजर नहीं आया. नीरज एकलौते खिलाड़ी रहे जिनका थ्रो 87 मीटर से ऊपर रहा. चेक रिपब्लिक के जाकुब वैडेलीच 86.67 मीटर और वितेस्लाव वेसली 85.44 मीटर की दूरी के साथ क्रमश: दूसरे और तीसरे नंबर पर रहे.

 

भारतीय सेना में कार्यरत नीरज को ओलंपिक से पहले ही पदक का प्रबल दावेदार माना जा रहा था और यह 23 वर्षीय एथलीट उम्मीदों पर पूरी तरह खरा उतरा. क्वालीफिकेशन में अपने पहले प्रयास में उन्होंने 86.59 मीटर भाला फेंककर शीर्ष पर रहकर फाइनल में जगह बनाई थी. फाइनल में उन्होंने पहले प्रयास में 87.03 मीटर भाला फेंका था और वह शुरू से ही पहले स्थान पर चल रहे थे. भारत ने पहली बार एंटवर्प ओलंपिक में एथलेटिक्स में भाग लिया था लेकिन तब से लेकर रियो 2016 तक उसका कोई एथलीट पदक नहीं जीत पाया था.

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