मोदी सरकार को ऑक्सीजन की कमी से मौतों का आँकड़ा देने के लिए 10 दिन की मोहलत: प्रेस रिव्यू

“ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत हुई, राज्यों से ऐसी कोई सूचना नहीं मिली.”
पिछले महीने केंद्र की मोदी सरकार की ओर से यह बयान संसद में दिया गया था जिसकी तीखी आलोचना हुई थी.
अब केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने मोदी सरकार को ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौतों का आँकड़ा जारी करने के लिए 10 दिनों का समय दिया है.
अंग्रेज़ी अख़बार द टेलिग्राफ़ ने यह रिपोर्ट प्रमुखता से प्रकाशित की है.
सीआईसी, सूचना के अधिकार क़ानून के तहत बनाई गई एक संवैधानिक संस्था है.

‘राष्ट्रीय हितों का हवाला देना न्यायसंगत नहीं’
सीआईसी ने निर्देश दिया है कि केंद्र सरकार अगले 10 दिन के भीतर मेडिकल ऑक्सीजन की व्यवस्था देखने वाले अधिकारियों और विशेषज्ञों के सामने आक्सीजन की कमी से होने वाली मौतों का आँकड़ा पेश करे.
केंद्रीय सूचना आयोग ने यह भी कहा है कि मोदी सरकार ने जिस तरह राष्ट्रीय हितों का हवाला देते हुए कोरोना महामारी से निबटने की तैयारियों की जानकारी देने से इनकार किया है, वो ‘न्यायसंगत’ नहीं मालूम पड़ता.
सीआईसी का यह आदेश दिल्ली के ट्रांसपैरेसी (पारदर्शिता) एक्टिविस्ट सौरभ दास की अपील के बाद आया है जिसमें उन्होंने मेडिकल ऑक्सीजन से जुड़े रिकॉर्ड सार्वजनिक करने की माँग की थी.
कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान भारत में मेडिकल ऑक्सीजन का भारी संकट पैदा हो गया था. दिल्ली समेत कई बड़े शहरों के अस्पताल ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे थे और सरकार को विदेशों से ऑक्सीजन मँगानी पड़ी थी.
दिल्ली के तीन अस्पतालों में 40 से अधिक लोगों के ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित होने से मौत की ख़बरें भी आई थीं.