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केरल में जीका वायरस का प्रकोप, 14 मामले मिलने के बाद अलर्ट जारी; पड़ोसी राज्य भी सतर्क

इस बीमारी के लक्षण हल्का बुखार त्वचा पर चकत्ते और जोड़ों में दर्द और सिरदर्द होना शामिल है। गर्भावस्था के दौरान जीका वायरस के संक्रमण से शिशुओं का जन्म माइक्रोसेफली और अन्य जन्मजात विकृतियों के साथ हो सकता है।

तिरुवनंतपुरम (केरल),

केरल में कोरोना महामारी के प्रकोप के बीच अब जीका वायरस का खतरा भी मंडराने लगा है। एक गर्भवती महिला सहित 14 लोगों के मच्छर जनित वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि के बाद राज्य के सभी जिलों में हाई अलर्ट जारी किया गया है। यह पहला मौका है जब केरल में जीका वायरस के मामले सामने आए हैं। वहीं, केरल में  जीका वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए पड़ोसी राज्य कर्नाटक ने इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए दिशानिर्देश जारी किए है।

केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने शुक्रवार को कहा कि राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने जीका वायरस के प्रसार की रोकथाम के लिए एक कार्य योजना तैयार की है। एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि तिरुवनंतपुरम जिले से पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) को भेजे गए 19 नमूनों में से 13 जीका के लिए सकारात्मक पाए गए है।

जॉर्ज ने कहा कि सभी 13 संक्रमित तिरुवनंतपुरम के निजी अस्पताल में काम करने वाले स्वास्थ्य कार्यकर्ता हैं। वे सभी शहर के एक अस्पताल के पास रहते थे। शहर के उन क्षेत्रों और उनके यात्रा इतिहास की जांच के बाद तत्काल कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, एक 24 वर्षीय महिला को पिछले दिन जांच के दौरान इस बीमारी का पता चला था। इसके साथ ही 14 लोगों में इस बीमारी की पुष्टि हुई है।

कार्य योजना के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, ‘उन क्षेत्रों और अस्पतालों पर ध्यान केंद्रित करते हुए कड़े निवारक उपाय किए जाएंगे जहां बीमारी की सूचना होने की संभावना है। मच्छर नियंत्रण सबसे महत्वपूर्ण है। विभिन्न विभागों द्वारा समन्वित कार्रवाई की जाएगी।’ स्वास्थ्य मंत्री ने आगे कहा कि सभी जिला चिकित्सा अधिकारियों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है और फिलहाल घबराने की कोई बात नहीं है।

उन्होंने कहा कि सभी अस्पतालों को सतर्क रहना चाहिए। जीका वायरस का पता लगाने वाली प्रयोगशाला की सुविधा को बढ़ाया जाएगा। मेडिकल कॉलेजों के बाहर के मामलों की भी सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशाला में जांच की जाएगी। इसके साथ ही जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द या लाल धब्बे जैसे लक्षणों वाले लोगों से तुरंत इलाज कराने और स्वास्थ्य अधिकारियों को सूचित करने का आग्रह किया।

संक्रमण मुख्य रूप से एडीज मच्छरों द्वारा प्रेषित वायरस के कारण होता है, जो दिन के दौरान काटते हैं। इस बीमारी के लक्षण हल्का बुखार, त्वचा पर चकत्ते और जोड़ों में दर्द और सिरदर्द होना शामिल है। गर्भावस्था के दौरान जीका वायरस के संक्रमण से शिशुओं का जन्म माइक्रोसेफली और अन्य जन्मजात विकृतियों के साथ हो सकता है, जिन्हें जन्मजात जीका सिंड्रोम के रूप में जाना जाता है। जीका वायरस से संक्रमण गर्भावस्था की अन्य जटिलताओं से भी जुड़ा है, जिसमें समय से पहले जन्म और गर्भपात शामिल हैं। इससे पहले वर्ष 2016-17 में गुजरात में जीका का प्रकोप हुआ था।

 

Manish Pandey

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