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मुंबई मॉडल से सीखें, दिल्ली को पूरी ऑक्सीजन मिले ये सुनिश्चित करें : SC ने केंद्र सरकार से कहा

SC on Oxygen Shortage : केंद्र की अर्जी पर आज ही सुनवाई करने के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड की बेंच सुनवाई करेगी.

नई दिल्ली: 

जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने केंद्र सरकार से कहा सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उसका पालन करना चहिए, अधिकारियों को जेल भेज कर अवमानना का मामला चला कर दिल्ली वालों को ऑक्सीज़न नहीं दी जा सकती है लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन होना चाहिए, दोनों तरफ से सहयोग होना चहिए

ऑक्सीजन मामले में दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची है. हाइकोर्ट ने दिल्ली को ऑक्सीजन आपूर्ति ना करने पर अवमानना के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जिसे केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उसका पालन करना चाहिए. अधिकारियों को जेल भेज कर, अवमानना का मामला चला कर दिल्ली वालों को ऑक्सीज़न नहीं दी जा सकती है लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन होना चाहिए, दोनों तरफ से सहयोग होना चाहिए.

केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट में कहा कि केंद्र और दिल्ली सरकार मिलकर अच्छा काम कर रहे हैं. दिल्ली के लिए 590 MT आवंटन रखा गया है. इस पर जस्टिस जस्टिस शाह ने पूछा कि ये कितनी अवधि के लिए हैं? तो केंद्र ने जवाब दिया कि 24 घंटे के लिए. इसके बाद जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा पूछा कि आपके एएसजी ने हाईकोर्ट में ये क्यों कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 700 MT का आदेश नहीं दिया है. इस पर केंद्र सरकार ने कहा कि हम 700 MT पहुंचेंगे.

जस्टिस एम आर शाह ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि महामारी चल रही है. इसमें भी शक नहीं है कि लोग मर रहे हैं. ये भी सही बात है कि संसाधनों की कमी है. केंद्र पूरी कोशिश कर रहा है.  आपकी योजना क्या है ? अन्यथा क्या होगा?

इस पर केंद्र सरकार ने कहा कि अफसर दिन रात काम कर रहे हैं.  इस मुद्दे को दो या तीन उच्च न्यायालयों में रखा गया है. पूरे देश में सहयोग से काम हो रहा है. हमने ऑक्सीजन के औद्योगिक उपयोग को रोक दिया है. हमारे पास चिकित्सा प्रयोजनों के लिए 9000 मीट्रिक टन के कॉमन पूल उपलब्ध है. सवाल यह है कि इसे राज्यों में कैसे बांटा जाए. अप्रैल से पहले 1000 से 2000 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीज़न की मांग थी, जब ऑक्सीज़न की मांग बढ़ी तो उसके पूरा करने की कोशिश की, हमने इंडस्ट्रियल ऑक्सीज़न को डाइवर्ट किया. 9700 MT ऑक्सीज़न अभी उपलब्ध है, इसको देश के अलग अलग को किस तरह से बाटा जा रहा है. इसको समझना होगा

जस्टिस शाह ने कहा कि आप अपनी योजना बताइए. हमें यह भी देखना होगा कि दूसरे राज्यों के साथ नाइंसाफी न हो. इस पर एसजी मेहता ने कहा कि शुरुआत में बहुत समस्या थी. अब हमारे पास पर्याप्त ऑक्सीजन है. सवाल उसके वितरण का है. हमने पूरे देश के लिए ऑक्सीजन का एक फार्मूला तैयार किया है. ये सभी राज्यों पर लागू है, जिसमें ऑक्सीजन की जरूरत तय की गई है.

वहीं, जस्टिस चंद्रचूड ने कहा कि आपका पूरा फार्मूला एक अनुमान पर आधारित है कि कितने बैड पर ऑक्सीजन चाहिए. लेकिन ये हर राज्य में महामारी के चरण पर आधारित होना चाहिए. जो चरण ओडिशा में है वो महाराष्ट्र में नहीं है. आप हर राज्य के लिए एक कॉमन फार्मूला लागू नहीं कर सकते. दिल्ली में महामारी की स्थिति गंभीर है.

इसके बाद एसजी तुषार मेहता ने कहा कि हमारे मुताबिक दिल्ली को 450 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत है. 700 की मांग का कोई औचित्य नहीं है.

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि हमारे आदेश के बाद तीन दिनों में दिल्ली को कितनी ऑक्सीजन दी गई. इस पर केंद्र की तरफ से जानकारी दी गई कि 3 मई को 433 MT  , 4 मई को 585 मीट्रिक टन और आज के लिए हम आंकड़े प्राप्त करेंगे.

आगे जस्टिस चंद्रचूड़  ने कहा कि आपको दिल्ली को बताना चाहिए कि कौन से आपूर्तिकर्ता दिल्ली को ऑक्सीजन देंगे. यदि एक आपूर्तिकर्ता को दो राज्यों को आवंटित किया जाता है, तो वह दिल्ली को आपूर्ति करने में सक्षम नहीं हो सकता है. नागरिकों की ओर से चिंता की बड़ी भावना को देखते हुए यदि आप दिल्ली के लिए पारदर्शी आवंटन देते हैं. जैसे ऑक्सीजन ले जाने वाली ट्रेनें तो ये अच्छा होगा. इस तरह आवंटन करें ताकि नागरिक और अस्पताल दोनों इसे जान सकें.

साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम 700MT ऑक्सीजन देने के अपने आदेश पर विचार नहीं करेंगे. हमें अफसरों को हॉल अप करने में कोई खुशी नहीं. आप बताइए कि आज और सोमवार के बीच आप दिल्ली में 700 MT ऑक्सीजन सप्लाई करेंगे?

आगे जस्टिस चंद्रचूड़  ने कहा कि आपको दिल्ली को बताना चाहिए कि कौन से आपूर्तिकर्ता दिल्ली को ऑक्सीजन देंगे. यदि एक आपूर्तिकर्ता को दो राज्यों को आवंटित किया जाता है, तो वह दिल्ली को आपूर्ति करने में सक्षम नहीं हो सकता है. नागरिकों की ओर से चिंता की बड़ी भावना को देखते हुए यदि आप दिल्ली के लिए पारदर्शी आवंटन देते हैं. जैसे ऑक्सीजन ले जाने वाली ट्रेनें तो ये अच्छा होगा. इस तरह आवंटन करें ताकि नागरिक और अस्पताल दोनों इसे जान सकें.

साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम 700MT ऑक्सीजन देने के अपने आदेश पर विचार नहीं करेंगे. हमें अफसरों को हॉल अप करने में कोई खुशी नहीं. आप बताइए कि आज और सोमवार के बीच आप दिल्ली में 700 MT ऑक्सीजन सप्लाई करेंगे? पिछली बार मुंबई म्युनिसिपल कॉरपोरेशन ने ऑक्सीजन सप्लाई में बहुत अच्छा काम किया था.  क्या हम उनसे सीख सकते है? हमे सोमवार तक बताइए की दिल्ली को 700 मीट्रिक टन कब और कैसे मिलेगा?

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