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वैक्सीन के रिकार्ड पर उठने लगे सवाल,मोदी सरकार पर राजनीतिक हमले तेज

21 जून को कोरोना वैक्सीनेशन का रिकार्ड बनाया गया. 22 जून को वैक्सीनेशन का आंकड़ा फिर गिर गया. 88 लाख लोगों को वैक्सीन देकर रिकार्ड बना दूसरे दिन यह आंकड़ा 53.86 लाख के पार नही जा रहा. वैक्सीनेशन में आयी गिरावट यह सवाल खड़े कर रही है कि क्या इतनी बड़ी संख्या में लोगों को वैक्सीन देना संभव है. दूसरी तरफ राजनीतिक दल भी इस रिकार्ड पर सवाल खड़े कर रहे हैं.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि सिर्फ रिकार्ड बनाने के लिए सरकार ने जमाखोरी की है. रविवार को वैक्सीन की जमाखोरी हुई और सोमवार को वैक्सीन देकर रिकार्ड बना दिया गया. तंज कसते हुए उन्होंने कहा, इस काम के लिए औषधि के क्षेत्र में मोदी सरकार को नोबेल पुरस्कार मिल सकता है.

इसके साथ ही जिन 10 राज्यों में सबसे ज्यादा वैक्सीनेशन हुआ उनमें से 7 भाजपा शासित राज्य हैं इसे लेकर भी सवाल उठने लगे हैं. केंद्र सरकार के लक्ष्य को पूरा करने के लिए साल के अंत तक हर दिन 97 लाख लोगों को वैक्सीन देना होगा. वैक्सीन की सप्लाई को लेकर जो हालात है उससे सवाल उठते हैं कि क्या यह लक्ष्य पूरा हो सकेगा.

दूसरी तरफ वैक्सीन के रिकार्ड को लेकर विपक्ष सरकार लगातार पर हमला कर रहा है. पूर्व वित्त मंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘रविवार को जमा करो, सोमवार को टीकाकरण करो और फिर मंगलवार को उसी स्थिति में लौट आओ. यही एक दिन में टीकाकरण का विश्व कीर्तिमान स्थापित करने के पीछे का राज है.’’

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को रिकार्ड की जानकारी देते हुए कहा, एक दिन में कोरोना वायरस के 88.09 लाख टीके लगाने की ‘ऐतिहासिक उपलब्धि’ हासिल हुई है. उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा वैक्सीन ग्रामीण इलाकों में दी गयी है जो 64 प्रतिशत है.

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