यशवंत सिन्हा की ‘सफाई’, पीके का इनकार और पवार का पावर प्ले, विपक्ष की मीटिंग के मायने क्या?

यशवंत सिन्हा के बाद एनसीपी नेता नवाब मलिक ने स्पष्टीकरण दिया और कहा कि मीटिंग में वरिष्ठ वकील केटीएस तुलसी, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी, पूर्व उच्चायुक्त केसी सिंह, गीतकार जावेद अख्तर, फिल्म निर्माता प्रीतीश नंदी, वरिष्ठ वकील कोलिन गोंजाल्वेज और वरिष्ठ पत्रकार करण थापर और आशुतोष जैसे गणमान्य लोग शामिल होंगे.
नई दिल्ली.
सियासत की गलियां इस बात से हलकान हैं कि मंगलवार को दिल्ली में गैर कांग्रेसी विपक्ष की बैठक का एजेंडा क्या है? कुछ लोग इसे 2024 के चुनावों से पहले बीजेपी के खिलाफ समर्थन जुटाने की मुहिम करार दे रहे हैं तो कुछ लोग इसे ‘समान सोच’ के लोगों की बैठक करार दे रहे हैं. दिल्ली में शरद पवार के आवास पर बैठक से कुछ घंटे पहले बीजेपी के पूर्व नेता और हाल ही में टीएमसी में शामिल हुए यशवंत सिन्हा ने ट्वीट किया कि एनसीपी सुप्रीमो उनके द्वारा बनाए गए राष्ट्र मंच की बैठक की मेजबानी कर रहे हैं. सिन्हा ने 2018 में राष्ट्रमंच का गठन किया था.
सिन्हा ने लिखा, “हम मंगलवार को शाम 4 बजे राष्ट्र मंच की बैठक कर रहे हैं. शरद पवार अपने आवास पर इस बैठक की मेजबानी करने पर सहमत हैं.” दरअसल पवार के आवास पर राष्ट्रमंच की बैठक को नरेंद्र मोदी के खिलाफ तीसरे मोर्च की बैठक का जा रहा था. टीएमसी नेता का ट्वीट इन्हीं अफवाहों पर लगाम लगाने की कोशिश है.
यशवंत सिन्हा के बाद एनसीपी नेता नवाब मलिक ने स्पष्टीकरण दिया और कहा कि मीटिंग में वरिष्ठ वकील केटीएस तुलसी, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी, पूर्व उच्चायुक्त केसी सिंह, गीतकार जावेद अख्तर, फिल्म निर्माता प्रीतीश नंदी, वरिष्ठ वकील कोलिन गोंजाल्वेज और वरिष्ठ पत्रकार करण थापर और आशुतोष जैसे गणमान्य लोग शामिल होंगे.
विपक्ष की मीटिंग का PK कनेक्शन
दरअसल विपक्ष की मीटिंग को लेकर तीसरे मोर्चे की अफवाहें तब उड़ी जब शरद पवार ने राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर से दिल्ली में लगातार दूसरी बार मुलाकात की. दोनों के बीच की इस मुलाकात ने ‘मिशन 2024’ को लेकर चर्चा को हवा दी, जिसमें कहा गया कि 2024 में बीजेपी को मात देने के लिए ब्लू प्रिंट तैयार किया जा रहा है.
हालांकि प्रशांत किशोर ने विपक्ष की बैठक में अपनी किसी भी संलिप्पता को खारिज कर दिया. साथ ही उन्होंने बीजेपी के खिलाफ तीसरे मोर्चे को ‘व्यर्थ प्रयास’ करार दिया. पवार के साथ अपनी दूसरी बैठक के बाद प्रशांत किशोर ने कहा, “मंगलवार को होने वाली बैठक से मेरा कोई संबंध नहीं है. आज की मेरी बैठक का कल होने वाली राष्ट्रमंच की मीटिंग से कोई संबंध नहीं है.”
हालांकि प्रशांत किशोर की दलीलों के उलट यशवंत सिन्हा टीएमसी के नेता हैं और प्रशांत किशोर के करीबी भी हैं. बंगाल में टीएमसी की जीत के पीछे प्रशांत किशोर का ही दिमाग है. टीएमसी नेता ममता बनर्जी द्वारा राष्ट्रमंच को अपनी स्वीकृति देना सार्वजनिक है. राष्ट्रमंच की पहले की बैठकों में टीएमसी नेता दिनेश त्रिवेदी हिस्सा लेते रहे हैं, लेकिन अब वे बीजेपी में हैं.
बंगाल कनेक्शन
बंगाल चुनाव में टीएमसी की जीत के बाद देश में विपक्षी दलों के समीकरण एक बार फिर जुड़ने लगे हैं. इसमें शरद पवार की केंद्रीय भूमिका है, जो क्षत्रपों को एक साथ लाने की कोशिश कर रहे हैं. पवार ने ही महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के गठबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.