दिल्ली

‘भारतीय कानूनों का किया जाए पालन’, टि्वटर से पार्लियामेंट पैनल ने कहा : सूत्र

सूत्रों का कहना है कि ट्विटर को बताया गया कि भारतीय कानून सर्वोच्च हैं और कंपनी को उनका पालन करना होगा .

बीते कुछ महीनों में ट्विटर और केंद्र के बीच कई मुद्दों को लेकर टकराव देखने को मिला है.

नई दिल्ली: 

नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा और ऑनलाइन मीडिया प्‍लेटफॉर्म के दुरुपयोग को रोकने के मुद्दे पर जांच के लिए ट्विटर इंडिया के प्रतिनिधि और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (इन्‍फॉर्मेशन टेक्‍नोलॉजी मिनिस्‍ट्री) के अधिकारी शुक्रवार को संसदीय समिति के समक्ष पेश हुए. सूत्रों के मुताबिक इस दौरान ट्विटर इंडिया को कठिन सवालों का समना करना पड़ा. जिसमें यह भी शामिल है कि उसने भारत में एक मुख्य अनुपालन अधिकारी की नियुक्ति क्यों नहीं की?

सूत्रों का कहना है कि ट्विटर को बताया गया कि भारतीय कानून सर्वोच्च है और कंपनी को उनका पालन करना होगा . सूत्रों ने कहा कि संसदीय पैनल और ट्विटर इंडिया के बीच करीब 95 मिनट बैठक चली और इस दौरान ट्विटर इंडिया से कठिन सवाल पूछे गये. ट्विटर 26 मई से लागू नए डिजिटल नियमों का पालन करने वाली एकमात्र प्रमुख सोशल मीडिया साइट है. इस सप्ताह की शुरुआत में, ट्विटर ने कहा था कि उसने एक अंतरिम मुख्य अनुपालन अधिकारी नियुक्त किया है और बाद में सरकार के साथ अपडेट साझा करेगा.

बता दें कि कांग्रेस सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) की अगुवाई वाली सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की यह स्‍थायी समिति डिजिटल स्‍पेस में महिला सुरक्षा सहित विभिन्‍न विषयों पर इन लोगों के विचारों को सुनेगी. ट्विटर (Twitter) के शीर्ष अधिकारियों को ऐसे समय तलब किया गया है जब नए आईटी नियमों पर इसके रुख और अन्‍य विषयों को लेकर सरकार की इस  अमेरिकी सोशल मीडिया साइट से ‘तकरार’ चल रही है.

गौरतलब है कि इस महीने ही केंद्र सरकार ने ट्विटर को “एक आखिरी नोटिस” जारी करते हुए उससे नए सूचना प्रौद्योगिकी नियमों का पालन करने को कहा था.बीते कुछ महीनों में ट्विटर और केंद्र के बीच कई मुद्दों को लेकर टकराव देखने को मिला है.ट्विटर को हाल में तब आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था जब उसने उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू और राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भावगत समेत इस संगठन के कई वरिष्ठ पदाधिकारियों के व्यक्तिगत अकाउंट के प्रमाणन वाली “ब्लू टिक” हटा दी थी.

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