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अनाथ हुए बच्चों के लिए केंद्र के पैकेज को CM गहलोत ने बताया ‘आधा-अधूरा, कहा- इसमें सुधार की आवश्यकता

कोरोना वायरस संक्रमण के कारण अनाथ होने वाले बच्चों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित पैकेज को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरूवार को आधा-अधूरा बताया और कहा कि इस विषय को प्रधानमंत्री के समक्ष उठाएंगे।

गहलोत ने यहां एक कार्यक्रम में कहा कि केंद्र सरकार के पैकेज में प्रभावित बच्चों के लिए तत्काल किसी तरह की राहत नहीं दी गई है। न ही कोरोना के कारण विधवा होने वाली महिलाओं के लिए किसी तरह राहत की घोषणा की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अपने पैकेज में इस तरह के बच्चों व महिलाओं को मासिक राशि के अलावा एक लाख रुपये की तुरंत राहत की घोषणा की है।

गहलोत ने केंद्र सरकार द्वारा घोषित पैकेज का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘भारत सरकार का जो पैकेज है, मैं समझता हूं कि डिफेक्टिव (आधा-अधूरा) पैकेज है। किसी के घर में अगर कोई बच्चा अनाथ हो गया तो उसे 18 साल की उम्र के बाद तीन साल तक आर्थिक मदद दी जाएगी और अभी केवल पढ़ाई का इंतजाम किया जाएगा।

18 साल के बाद किसने क्या देखा। 23 साल की उम्र होने पर 10 लाख रुपये देंगे। इसमें भी संशय है। पैकेज का मतलब होता है कि आप तत्काल क्या मदद दे रहे हैं। मैं इस बारे में अलग से प्रधानमंत्री से बात करूंगा और कहूंगा कि आपका यह पैकेज डिफेक्टिव है।’’

उल्‍लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 मई को घोषणा की थी कि कोविड-19 के कारण अनाथ हुए बच्चों को 18 वर्ष की आयु पूरी करने पर मासिक वित्तीय सहायता और 23 वर्ष की आयु पूरी करने पर पीएम केयर्स फंड से 10 लाख रुपये की राशि मिलेगी।

इसका जिक्र करते हुए गहलोत ने कहा, ‘‘इसमें सुधार की आवश्यकता है और मैं समझता हूं कि भारत सरकार को सोचना पड़ेगा।’’ गहलोत ने कहा कि उनकी सरकार जो पैकेज लाई है उसके तहत कोरोना महामारी से माता-पिता दोनों की मृत्यु होने या एकल जीवित की मृत्यु होने पर अनाथ बच्चों को तत्काल एक लाख रुपये का अनुदान दिया जाएगा।

ऐसे बच्चों को 18 साल की उम्र तक प्रतिमाह 2,500 रुपये की सहायता दी जाएगी। 18 साल की उम्र होने पर उन्हें पांच लाख रुपये की सहायता दी जाएगी। ऐसे बच्चों को 12वीं तक की शिक्षा आवासीय विद्यालय या छात्रावास के जरिए दी जाएगी।

अधिकारियों के अनुसार राज्य सरकार के इस पैकेज के तहत किसी व्यक्ति की कोरोना वायरस संक्रमण से मृत्यु होने पर उसकी पत्नी को एक लाख रुपये की एकमुश्त अनुग्रह राशि दी जाएगी। इसके अलावा 1,500 रुपये प्रतिमाह विधवा पेंशन सभी आयु व आय वर्ग की महिलाओं को मिलेगी। वहीं ऐसी महिला के बच्चों को 1,000 रुपये प्रति बच्चा प्रति माह तथा विद्यालय की पोशाक व पाठ्यपुस्तकों के लिए सालाना 2,000 रुपये का लाभ दिया जाएगा।

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