लॉन्ग कवीड:जिन मरीजों में नहीं दिखते संक्रमण के लक्षण, उन्हें भी महीनों परेशान कर सकता है कोरोना- शोध

Coronavirus: यहां लॉन्ग कोविड या लंबे समय के कोविड का मतलब है कि जब किसी को यह बीमारी का पता चलता है उसके शरीर में उसके लक्षण उस दिन से एक महीने बाद तक रहते हैं.
नई दिल्ली.
कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus) के कारण अधिकांश देशों में स्थितियां खराब हैं. अब नए शोध में दावा किया गया है कि कोरोना संक्रमण के करीब 20 फीसदी गैर लक्षणी (Covid-19 Asymptomic Case) ऐसे मरीज हैं, जिनको संक्रमण से उबरने के बाद भी करीब एक महीने उसके जैसे लक्षण रहे. यह अध्ययन मंगलवार को प्रकाशित किया गया है.
यह अध्ययन गैर लाभकारी एफएआईआर हेल्थ ने करीब 19.6 करोड़ अमेरिकियों के इंश्योरेंस क्लेम का अध्ययन किया है. यह अध्ययन फरवरी 2020 से फरवरी 2021 के बीच में किया गया था. यह सर्वाधिक कोरोना मरीजों पर किया गया बड़ा अध्ययन है.
इस पर एफएआईआर हेल्थ के अध्यक्ष के अनुसार रॉबिन गेलबर्ड के मुताबिक, ऐसा पाया गया है कि कोविड-19 महामारी कम भी हो जाती है तो भी लंबे समय तक रहने वाले कोविड के लक्षण कई अमेरिकियों के स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं. उनका कहना है, ‘हमारे इस नए शोध के नतीजे कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों के साथ ही नीति निर्माताओं और शोधकर्ताओं के सामने उत्पन्न होने वाले कई मुद्दों पर प्रकाश डालेंगे.’
यहां लॉन्ग कोविड या लंबे समय के कोविड का मतलब है कि जब किसी को यह बीमारी का पता चलता है उसके शरीर में उसके लक्षण उस दिन से एक महीने बाद तक रहते हैं. नए शोध में इस बात का पता चला है कि सभी उम्र के लोगों में सामान्य तौर पर कोरोना के बाद मरीजों में दर्द, सांस की तकलीफ, उच्च कॉलेस्ट्रॉल, उलझन और उच्च रक्तचाप की शिकायत रहती है.
कुल मिलाकर 0.5 फीसदी कोरोना मरीज ऐसे थे, जिनकी मौत कोरोना संक्रमण होने के 30 दिन बाद अस्पताल से छुट्टी होने पर हो गई थी. वहीं 19 फीसदी गैर लक्षणी कोरोना मरीज ऐसे थे जो कोरोना होने के 30 दिन तक उससे प्रभावित रहे. आंकड़ा 27.5 फीसदी उन कोरोना मरीजों का था, जो लक्षणी थे, लेकिन अस्पताल में भर्ती नहीं हुए. इसके साथ ही इनमें 50 फीसदी ऐसे मरीज थे जो अस्पताल में भर्ती थे.